मुलाना/जनमत/23 दिसम्बर 2024। महर्षि मार्कण्डेश्वर डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी (MMDU), मुलाना में आयोजित भारतीय आर्थिक संघ (IEA) का 107वां वार्षिक सम्मेलन भव्यता और सफलता के साथ संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस आयोजन में देशभर से 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिनमें वित्तीय विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, शोधकर्ता और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे।
समापन समारोह में माननीय कुलपति श्री तरसेम गर्ग ने आयोजन की सफलता पर बधाई देते हुए कहा, “हमारे प्रधानमंत्री द्वारा प्रचारित ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के संदर्भ में यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण पहल है। यह आयोजन न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। बल्कि छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा।”
एमएमडीयू के ट्रस्ट सचिव श्री विशाल गर्ग ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करते हैं और इन्हें निरंतर आयोजित किया जाना चाहिए।” सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों और वित्तीय वक्ताओं ने भारत के लिए रोडमैप, कौशल विकास, उद्यमिता में वृद्धि, साक्षरता और भारतीय ज्ञान परंपराओं के आर्थिक योगदान जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। हरियाणा की आर्थिक स्थिति और क्षेत्रीय विकास पर विशेष सत्र ने प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया।
इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य प्रोफेसर संजीव सान्याल ने “आर्थिक संकट के समाधान” और इसके क्रियान्वयन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता को साकार करने में इस प्रकार की विचारधाराएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रोफेसर संजीव सान्याल ने सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता के लिए महर्षि मार्कण्डेश्वर डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी को बधाई दी। प्रो. संजीव सान्याल ने पी.आर. ब्रह्मानंद स्मृति व्याख्यान दिया। “प्रक्रिया सुधार” पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने प्रशासनिक और आर्थिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन न केवल भारत की आर्थिक दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह विश्वविद्यालय की शैक्षिक उत्कृष्टता और समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।” उन्होंने इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी विद्वानों, विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की सराहना की और इस प्रकार के विचार-मंथन को भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक बताया।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था पर केंद्रित पंचम सत्र ने ज्ञान और अनुभवों के आदान-प्रदान का मंच प्रदान किया। सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर राज कुमार मित्तल ने की, जिन्होंने अपनी गहन समझ और दृष्टिकोण से चर्चा को दिशा दी। सत्र का संचालन प्रोफेसर ए.के.बश्नोई ने किया, जबकि वक्ताओं में प्रोफेसर रणजीत सिंह, प्रोफेसर डॉ. पंकज वर्मा और प्रोफेसर सतिश कुमार शर्मा ने हरियाणा की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और संभावनाओं पर अपनी विशेषज्ञता साझा की।
सभी सत्रों में समापन सत्र ने सम्मेलन को समग्र और विचारोत्तेजक अंत प्रदान किया। विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ.सुमित मित्तल ने अपने समापन भाषण में उपस्थित विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के विचार-मंथन भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा को स्पष्ट करते हैं।
इसके बाद विभिन्न श्रेणियों में शोध पत्रों के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। एमएमडीयू के कुलाधिपति श्री तरसेम गर्ग ने यह पुरस्कार प्रदान किए और शोधकर्ताओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मान शोध में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करते हैं।
समापन समारोह में भारतीय आर्थिक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर वी.के.मल्होत्रा ने सम्मेलन की प्रासंगिकता पर जोर दिया। शोध प्रमुख प्रोफेसर डी.के.मदान ने सहयोगियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। अंत में विश्वविद्यालय के शोध एवं विकास निदेशक प्रोफेसर आदेश सैनी ने सभी प्रतिनिधियों, वक्ताओं और आयोजकों को धन्यवाद दिया और आयोजन की सफलता की सराहना की।
REPORTED BY ABHILASH BHATT
PUBLISHED BY MANOJ KUMAR