देहरादून(जनमत):- अपनी बेबाक बोलने की शैली के लिए पहचाने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। उनके आज के इस बयान के बाद राजनीतिक चाणक्य भी नए विश्लेषण करने में जुट गए हैं।बताते चलें कि भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य गत दिवस अपनी पुरानी पार्टी में शामिल हो गए थे। उनके जाने के बाद कॉन्ग्रेस में उत्साह का माहौल देखा गया, जबकि भारतीय जनता पार्टी कहती रही कि उनके जाने से पार्टी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक अंदरखाने आर्य पिता-पुत्र के कांग्रेस में जाने के बाद चर्चाओं का दौर जारी हो गया है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को जिम्मेदारी दी है कि दूसरी पार्टी में जाने वाले संभावना वाले नेताओं का मन टटोलकर और पार्टी के लिए जोर-शोर से काम करने का माहौल बनाएं।इसी कड़ी में आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बंद कमरे में करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच क्या बातें हुई, यह तो सार्वजनिक नहीं किया गया, किंतु इतना जरूर है कि यशपाल आर्य और उनके पुत्र कि कांग्रेस में चले जाने के बाद से भाजपा की सियासत भी गर्म हो गई है।
इस मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की चर्चा विगत काफी दिनों से चल रही थी। मुलाकात के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि यह महज राजनीतिक मुलाकात थी और वह लगातार अपनी पार्टी अध्यक्ष से मिलते रहते हैं। हरक सिंह रावत ने इस दौरान बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह पिछले 20 सालों से सदन में लोगों की आवाज को उठाते रहे हैं, लेकिन अब वे नहीं लड़ना चाहते। इस बात को वे अपने पार्टी के नेताओं को पहले ही दे चुके हैं। हरक सिंह के इस बयान को राजनीतिक विशेषज्ञ चुनावी स्टंट के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि हरक सिंह आगामी चुनाव में अपनी पुत्रवधू को चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि हरक सिंह की ओर से अभी ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई है। बहरहाल देखना यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मंत्री हरक सिंह रावत का बयान क्या नया गुल खिलाता है।