दिल्ली एनसीआर (जनमत) :- अभी हाल ही में बिहार के शेल्टर होम में शारीरिक यौन उत्पीड़न की घटनाओं ने पूरे देश को हैरान करके रख दिया था. वहीँ इसे लेकर बिहार पुलिस और राज्य सरकार के रवैये से सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. आपको बता दे की कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में राज्य सरकार का रुख ‘बेहद नर्म’ और ‘बहुत ही चयनित’ अंदाज वाला रहा है।
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वहीँ कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील से सख्त अंदाज में सवाल किया कि क्या ये बच्चे इस देश के नागरिक नहीं हैं? पीठ ने एक शेल्टर होम में लड़कों के साथ कुकर्म के आरोप सामने आने के बावजूद धारा 377 (अप्राकृतिक दुष्कर्म) के तहत एफआईआर दर्ज न कराकर मामूली धाराएं लगाए जाने पर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई। वहीँ इसी मामले में अदालत ने स्पष्ट तौर पर इनके रवैये को ‘शर्मनाक’ और ‘अमानवीय’ तक कह दिया और पूछा कि क्यों नहीं सभी शेल्टर होम मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए? हालाँकि राज्य सरकार अपना पक्ष न्यायलय के समक्ष रख रही है.