नई दिल्ली (जनमत) : कारगिल युद्ध जो पाकिस्तान को हमेशा भारत के शौर्य की याद दिलाता रहेगा यह एक युद्ध मात्र नहीं था बल्कि इसके द्वारा पूरे विश्व ने भारत का शौर्य और पराक्रम देखा था तो दूसरी तरफ पडोसी देश पकिस्तान की कायरता भी देखि थी. यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से शुरू हुई थी. आज इसे कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है. अपनी वीरता का परिचय देते हुए कई भारतीय सैनिक वतन की आन बचाते हुए शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को गोलियों से छलनी कर दिया था और अपनी सरजमी पर से उखाड़ फेंका था.
यह भारतीय जवानो का हौसला ही था जिसने पकिस्तान की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और भारत की आन को बचाते हुए भारत के लाल शहीद हो गए थें. जिनमे भारतीय सेना के शहीद आबिद हरदोई जिले के थे और लांस नायक शहीद आबिद खान भी देश का झंडा बुलंद करते हुए देश की आन में शहीद हो गए । कारगिल युद्ध का कारण था बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों के साथ ही पाक समर्थित आतंकवादियों भारतीय सीमा में प्रवेश और इसी के साथ ही भारत की महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह-लद्दाख को भारत से जोडऩे वाली सडक़ का नियंत्रण काटकर सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की पहुच ख़तम कर देना . यह युद्ध दो माह से ज्यादा चला था. भारतीय थलसेना के साथ ही देश की वायुसेना ने आक्रमणकारियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. जिनकी शौर्यता को आज भी पूरा देश सलाम करता है. इस दुर्गम युद्ध में भी भारत ने अपनी शौर्यता का परिचय देते हुए दुश्मन को दुम दबाकर भागने पर विवश कर दिया था.