दिल्ली एनसीआर (जनमत) :- विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं। नीरज की इस उपलब्धि पर पूरा देश खुशी से झूम रहा है। हालांकि, नीरज के मन में अभी भी एक टीस बनी हुई है। नीरज ने खुद स्वर्ण पदक जीतने के बाद इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में 90 मीटर का आंकड़ा छूना चाहते थे, लेकिन चीजें वैसी नहीं हुई, जैसी उन्होंने उम्मीद की थी।नीरज ने बताया “दूसरे राउंड के बाद, मैं खुद को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मुझे बेहतर थ्रो मिल सकता है। लेकिन तकनीक और गति पर बहुत दबाव है। हमें क्वालीफाइंग राउंड में बहुत जोर लगाना होगा। क्वालिफाइंग राउंड के बाद रिकवरी के लिए केवल एक ही दिन था, इसलिए यह भी एक बड़ा कारक था। मैं आखिरी थ्रो तक खुद को आगे बढ़ाने और बेहतर थ्रो करने की प्रेरणा के साथ आगे बढ़ता हूं।”
नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और अंत तक अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए स्वर्ण पदक जीता। स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद नीरज थोड़े निराश लग रहे थे। उन्होंने कहा “मैं आज रात 90 मीटर से अधिक थ्रो करना चाहता था। लेकिन इसके लिए सब कुछ मेरे पक्ष में होना जरूरी है। मैं आज शाम सब कुछ एक साथ सही नहीं कर सका। शायद अगली बार ऐसा कर पाऊं।”
नीरज ने दूसरे राउंड में ही बढ़त ले ली जो पूरे फाइनल में बरकरार रही, फिर भी वह अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने और अपने अंतिम थ्रो में इसे और बेहतर करने के लिए तरस रहे थे। राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन अरशद नदीम ने 87.82 मीटर के साथ रजत पदक जीता, जबकि चेक गणराज्य के जैकब वडलेज ने 86.67 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…