नई दिल्ली(जनमत). सरकार द्वारा ऑनलाइन डेटा पर निगरानी करने के लिए सोशल मीडिया हब के गठन पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सख्त रूख अपनाते हुए इस संबंध में उससे दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि ऑनलाइन डेटा पर निगरानी करने के लिए सोशल मीडिया हब के गठन के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि अगर वाकई सरकार नागरिकों के व्हाट्सएप संदेशों को टैप करना चाहती है तो एक तरह से ये निगरानी राज बनाने जैसा होगा इसलिए सरकार से इस संबंध में दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
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दरअसल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले में अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से सहयोग मांगा।