नई दिल्ली(जनमत):- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक राष्ट्रीय परियोजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण/यूएसबीआरएल, एस.पी. माही, मुख्य प्रबंध निदेशक/केआरसीएल, संजय गुप्ता, मुख्य प्रबंध निदेशक/इरकॉन, योगेश मिश्रा, उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षगण और यूएसबीआरएल परियोजना के अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।
एस.पी. माही ने परियोजना के कटड़ा-बनिहाल सेक्शन पर चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति से अवगत कराया । केआरसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक, संजय गुप्ता और इरकॉन के मुख्य प्रबंध निदेशक, योगेश मिश्रा ने भी अपने-अपने हिस्से के कार्यों की जानकारी दी । कार्य की प्रगति पर संतोष प्रकट करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि इस परियोजना का निर्माण कार्य जल्दी ही पूरा कर लिया जाना चाहिए ताकि कश्मीर घाटी शेष भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ सके ।
राष्ट्रीय परियोजना के शेष 111 किलोमीटर लम्बे कटड़ा-बनिहाल रेल सेक्शन का कार्य हिमालयी भू-भाग और ऊँचे पहाड़ों और गहरी नदी घाटियों के कारण निर्माण कार्यों के लिए सबसे कठिन है । इस रेल सेक्शन पर 38 रेल सुरंगें हैं जिनकी कुल लम्बाई 119 किलोमीटर है। वर्तमान में, 160.52 किलोमीटर तक का सुरंग कार्य (95.47 किलोमीटर मुख्य और 65.05 किलोमीटर एस्केप टनल) पूरा हो गया है । 12.77 किलोमीटर लम्बी भारत की सबसे लम्बी रेल सुरंग टी-49 को फरवरी, 2022 में तैयार किया था । सुरंग में लाइनें बिछाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है ।
इस रेल सेक्शन पर 927 बड़े और छोटे पुल हैं जिनकी कुल लम्बाई 13 किलोमीटर है । इनमें प्रसिद्ध चेनाब पुल भी शामिल है । यह पुल नदी की तलहटी से 359 मीटर ऊपर है । पूरा हो जाने पर यह दुनिया का सबसे ऊँचा रेल पुल होगा । आर्क पर डैक का निर्माण किया जा रहा है । कुल 1315 मीटर के डैक के कार्य में से 1238 मीटर डैक का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है । अंजी खड्ड पर बना एक और महत्वपूर्ण ढॉंचा अंजी पुल भारत का पहला केबल आधारित रेल पुल होगा । इस पुल के बड़े पिलर लगा दिए गए हैं और डैक का कार्य पूरा कर लिया गया है । मुख्य पिलर से बंधी केबलों से डैक को जोड़ने का कार्य चल रहा है ।
इस रेल सेक्शन पर रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है । अरपिंचला स्टेशन का कार्य लगभग पूरा हो गया जबकि अन्य रेलवे स्टेशनों का कार्य तीव्र गति से चल रहा है । यहां गिट्टीरहित रेल लाइनें बिछाई जा रहीं हैं जबकि अन्य कार्य जैसे पोर्टलों का निर्माण सुरंगों को वेंटिलेशन और सिगनल एवं दूर संचार कार्य साथ-साथ चल रहे हैं ।
पहले से परिचालित 136 किलोमीटर लम्बी बनिहाल-बारामुला रेल लाइन को विद्युतीकृत किया जा रहा है । इस कदम से कश्मीर घाटी में रेल परिचालन में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीक से रोकने में मदद मिलेगी इससे न केवल रेल परिचालन के लागत में कमी आयेगी बल्कि कार्बन फुट प्रिंट भी कम होगा और रेलवे एक पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली के रूप में स्थापित होगी । बनिहाल-बड़गांव सेक्शन का विद्युतीकरण पूरा हो गया है और इसे बारामुला तक पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2022 को लक्ष्य रखा गया है । उक्त जानकारी दीपक कुमार(मुख्य जनसंपर्क अधिकारी) के द्वारा प्राप्त हुई|