दिल्ली एनसीआर (जनमत) :- कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता कानून को लेकर की गयी टिप्पणी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जबरदस्त पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सोनिया घड़ियाली आंसू बहा रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में तो दिल्ली के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तिहाड़ जेल भेजा गया था। पुलिस उस समय विश्वविद्यालय में गई थी और पूरे शैक्षणिक वर्ष को अमान्य घोषित कर दिया गया था। इस पर उनका क्या कहना है क्योंकि सबसे जयादा अगर सितम छात्रों पर किसी ने किया हैं तो वो कांग्रेस हैं चुकी कांग्रेस के ज़माने ने आपातकाल के दौरान मानवाधिकारों का खुलेआम हनन हुआ है जो की देश के लोक्तान्तंत्र के लिए वो एक काला अध्याय था जिसको और इसी ने नहीं बल्कि इसी कांग्रेस ने लिखा था इस दौरान छात्रों को बिना किसी कारण के जबरन जेल में कैद कर दिया गया था.
इसी के साथ ही सीतारमण ने कहा कि सोनिया गांधी की सरकार पर टिप्पणी गैर-जिम्मेदाराना और राजनीति से प्रेरित है। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई और छात्रों पर हुई हिंसा का आरोप सोनिया ने मोदी सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण की इस पटकथा के लेखक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं।
सीतारमण ने सवाल किया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हिंसा के दोषियों को दंडित करने के लिए कांग्रेस ने क्या किया? 2003 में संसद में कांग्रेस नेता और तब प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने में उदार होने के लिए कहा था। इस पर सीतारमण ने कहा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी पार्टी ने अब अपना रुख बदल दिया है। इससे पहले सोनिया ने कहा था कि मोदी सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। भाजपा लोकतान्त्रिक मूल्यों के खिलाफ काम कर रही है और आने वाले दिनों में देश को बाँट दिया जाएगा जिसके लिए और कोई नहीं बल्कि भाजपा ही जिम्मेदार होगी।
Posted By : Ankush Pal