दिल्ली एनसीआर (जनमत) :- सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने निर्भया मामले में पवन के वकील एपी सिंह से सवाल किया कि पुनर्विचार याचिका में भी आपने यही मामला उठाया था, अब इसमें नई जानकारी क्या है और क्या यह विचार करने योग्य है? एपी सिंह ने दलील दी कि पवन के उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी पुलिस ने जानबूझकर छिपाई। हाईकोर्ट ने भी तथ्यों को नजरंदाज किया। निचली अदालत, दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया के दुष्कर्मी पवन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने वारदात के वक्त खुद के नाबालिग होने का दावा किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई नया आधार नहीं है। पुनर्विचार याचिका में भी दोषी ने यही बात उठाई थी। अब आपके पास इसमें क्या नई जानकारी है। क्या यह अब विचार करने योग्य है?इस मामले में बहुत बड़ी साजिश है। दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है। वारदात के वक्त पवन की उम्र 17 साल, 1 महीने और 20 दिन थी। ऐसे में वारदात में उसकी भूमिका नाबालिग के तौर पर देखी जाए। फिलहाल अदालत ने अधिवक्ता के इस बात को सीरे से खारिज कर दिया.
Posted By :- Ankush Pal