नई दिल्ली (जनमत). सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पटाखों की बिक्री पर रोक नहीं लगाई, लेकिन इनके लिए कुछ शर्तें जरूर लगा दीं। शीर्ष अदालत ने तय डेसिबल से ज्यादा लिमिट वाले पटाखों की फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर बिक्री रोकने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की ही बाजारों में बिक्री हो और दीपावली जैसे त्योहारों पर रात 8 से 10 बजे के बीच ही आतिशबाजी की जाए।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने मंगलवार को दिए फैसले में कहा कि क्रिसमस, न्यू ईयर और शादी जैसे माैकों पर रात को कुछ देर के लिए आतिशबाजी की जा सकती है, लेकिन इस दौरान भी कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे ही जलाएं जाएं। खासकर क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11:55 बजे से रात 12:30 बजे तक 35 मिनट के लिए आतिशबाजी की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- लड़ी की बिक्री पर भी रोक रहेगी क्योंकि इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलता और बहुत सारा कचरा इकट्ठा होता है।
- अगर तय लिमिट से बड़े पटाखों की ऑनलाइन बिक्री होती है तो संबंधित कंपनियों पर अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
- प्रशासन द्वारा तय किए गए लाइसेंसी बाजारों या दुकानों पर कम प्रदूषण वाले पटाखों की बिक्री हो सकेगी।
- अगर किसी इलाके में प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री होती है तो इसका जिम्मेदार संबंधित पुलिस थाने का एसएचओ होगा।
- केंद्र और राज्य सामुदायिक आतिशबाजी को बढ़ावा देने के तरीके तलाशें ताकि ज्यादा प्रदूषण ना हो। इसके लिए विशेष स्थान पहले से तय किए जाएं।
- यह कवायद आज से एक हफ्ते के अंदर पूरी हो ताकि दिवाली से पहले ही जनता को सार्वजनिक आतिशबाजी के स्थानों के बारे में जानकारी मिल सके।
- केंद्र और राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दीपावली से सात दिन पहले और सात दिन बाद तक प्रदूषण का स्तर देखें और उसे रेगुलेट करें।
तीन बच्चों की याचिकाओं पर बहस शुरू हुई थी
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में तीन बच्चों की याचिकाओं पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। दिल्ली के रहने वाले तीन साल के अर्जुन गोपाल, तीन साल के आरव भंडारी और पांच साल की जोया राव भसीन ने अपने माता-पिता और वकीलों के जरिए याचिकाएं दायर दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के फैसले के बाद पक्ष और विरोध में याचिकाएं दायर हुईं। इन्हीं पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं, पटाखा निर्माताओं और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दलीलें सुनने के बाद 28 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि स्वास्थ्य और कारोबार के अधिकारों के बीच संतुलन साधना जरूरी है।
- लड़ी की बिक्री पर भी रोक, क्रिसमस-न्यू ईयर पर आधी रात को 35 मिनट के लिए आतिशबाजी की इजाजत
- तय लिमिट से बड़े पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं कर सकेंगी ई-कॉमर्स कंपनियां
- तीन बच्चों की याचिकाओं से अदालत में पटाखों की बिक्री पर बहस शुरू हुई थी
- बच्चों की याचिकाओं पर कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी