पंचूर गांव, यमकेश्वर (जनमत) :- अपनी मातृभूमि पंचूर गांव में करीब छह साल बाद आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन के गांव में विश्राम के बाद लखनउ के लिए रवाना हो गए। मां के चरण स्पर्ष कर और दही-गुड़ खाकर उन्होंने गांव से विदाई ली।जब घर से विदा होने के लिए योगी निकले पंक्तिबद्ध तरीके से गांव की महिलाएं, पुरुष, युवा उनके इंतजार में खड़े थे। वह सभी का अभिवादन करते हुए आगे बढ़े। इन्हीं महिलाओं के बीच एक कुर्सी पर योगी की मां बैठी हुईं थीं। योगी आदित्यनाथ ने मां के चरण स्पर्ष किए। उनसे आशीर्वाद लिया और एक महिला रिश्तेदार द्वारा दिया गया दही गुड़ खाकर छोटो को आशीर्वाद और बड़ों का अभिवादन कर वहां से रवाना हो गए।
योगी की इस विदाई में बहुत सारी महिलाओं की आंखों को अश्रुपूरित कर दिया। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले कार्यकाल में वह गांव नहीं आ सके थे। यहां तक कि पिता की मृत्यु पर भी वह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नहीं आ पाए थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी विवशता भी जाहिर की थी। अब दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही वह गांव आए और लाख जिम्मेदारियों के बाद करीब ढाई दिन तक गांव में रहे। यहीं से वह उत्तर प्रदेश के शासन को संचालित करते रहे, चाहे जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित करना हो या फिर किसी को शासन का डंडा दिखाकर निलंबित करना हो, सबकुछ पंचूर गांव में ही वह संचालित करते रहे।
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