अयोध्या(जनमत):- तपस्वी छावनी के महंत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाते हुए। कहा कि तपस्वी छावनी का एक स्थान गुप्तार घाट में श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर है जो तपस्वी छावनी का है। तपस्वी छावनी की तरफ से जो भी साधु-संत है वहां पर महंत चतुर्भुज दास उर्फ चंदा बाबा को नियुक्त किया गया था। अभी भी वह वहां की व्यवस्था देख रहे हैं। वहां के पुजारी का निधन हो गया है। जिसका चतुर्भुज दास उर्फ चंदा बाबा ने अंतिम संस्कार किया।
लेकिन बीच में मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास उनके नाम से एक पर्ची छप के बट रही है। कि वह भंडारा वहां पर करेंगे तो वह स्थान तपस्वी छावनी का है ।तपस्वी छावनी की परंपरा का है तपस्वी छावनी के द्वारा वहां पर नियुक्त महंत है। वही परमहंस ने कहा कि मैं सभी साधु संत विनम्र निवेदन करता हूं की व गैर कानूनी काम ना करें। और शासन प्रशासन से भी निवेदन करता हूं। कि कानून की रक्षा हो और केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अपील करता हूं कि कुछ जो ऐसे संत हैं जो मंच पर जाकर फोटो खिंचवा कर अधिकारियों पर रौब जमा कर अनलीगल काम करते हैं। वो अन लीगल काम ना करें क्योंकि साधु-संतों को न्याय का स्वरूप माना गया है।
अगर साधु संत ही दूसरे का स्थान कब्जा करेंगे गैर कानूनी काम करेंगे तो लोगों की जो आस्था है वो खत्म हो जाएगी। इससे धार्मिक क्षति हो रही है। जो उचित हो वह निष्पक्ष भाव से होना चाहिए कागज उनका भी देख लिया जाए और कागज चतुर्भुज दास उर्फ चंदा बाबा का भी देख लिया जाए जिनका कागज सही हो उनको वहां रहने दिया जाए। जिनका कोई प्रूफ नहीं उनको वहां से हटाया जाए इस तरह की मांग जगत गुरु परमहंस आचार्य शासन प्रशासन से किया।