चंदौली(जनमत):- खबर यूपी के चंदौली से है………. यहाँ पुलिस ने अवैध खून के गोरखधंधे का खुलासा किया है । मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया । पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है और पकड़े गए लोगो से पूछताछ के बाद इस गोरखधंधे में शामिल एक निजी अस्पताल और दो पैथोलॉजी के शामिल होने की जानकारी सामने आई । जिन्हें सील कर दिया गया है । खून के इस कारोबार का खुलासा होने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम इस खेल से जुड़े हुए अन्य लोगों की खोजबीन में जुट गए है ।
दरसल सदर कोतवाली पुलिस की कस्टडी में जो दोनों शख्स आप देख रहे है । ये खून के काले कारोबार के गोरखधंधे से जुड़े हुए हैं । ये दोनों लोग गांव में रहने वाले भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर पैथोलॉजी तक ले आते थे और उनसे ब्लड निकलवाते थे। इसके बाद उस ब्लड को जिला मुख्यालय पर स्थित एक निजी अस्पताल को बेच दिया करते थे । जहां पर मरीजों से खून चढ़ाने के नाम पर 8 से 10 हजार वसूले जाते थे और ब्लड बिना जांच के ही मरीज को चढ़ा दिया जाता था। इस खेल में ब्लड डोनर को एक यूनिट खून के बदले सत्रह सौ रुपये का भुगतान किया जाता था ।
जबकि ब्लड डोनर को पैथालाजी तक ले आने वाले इन लोगो को प्रति केस आठ सौ रुपये मिलते थे । मामला तब सामने आया जब शनिवार की रात सदर कोतवाली पुलिस गस्त पर थी इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली थी कि सदर कोतवाली के हथियानी गावँ निवासी भानु प्रताप नाम का एक युवक खून के अवैध कारोबार में लिप्त है और यह शख्स ग्रामीण इलाके से लोगों को बहला-फुसलाकर उनका खून निकलवा कर अस्पतालों में सप्लाई करता है और खून बेचने स्वास्तिक हॉस्पिटल जा रहा है । सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाया और इस मामले में भानु प्रताप और उसके एक साथी को दो यूनिट ब्लड के साथ गिरफ्तार कर लिया ।
पूछताछ में इन दोनों ने पुलिस को जो कुछ भी बताया वह सुनकर पुलिस कर्मियो के होश उड़ गए । भानु प्रताप और उसका साथी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को बहला-फुसलाकर ब्लड बेचने के लिए तैयार कर लेते थे । फिर चंदौली के ही निजी पैथोलॉजी में खून निकाला जाता था । इसके बाद ब्लड को जिला मुख्यालय स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल नाम के एक निजी अस्पताल को सप्लाई कर दिया जाता था । जांच में दोषी पाए जाने के बाद निजी अस्पताल और दो पैथॉलॉजियो को सील कर दिया गया है|
Posted By:-Umesh Singh