लखनऊ(जनमत). लखनऊ कब स्मार्ट सिटी बनेगा यह तो फिलहाल समय बताएगा। लेकिन वर्तमान की बात की जाए तो आधुनिक लखनऊ के विभिन्न इलाको में जगह – जगह गंदगी का अम्बार और बजबजाती नालिया शहर की साख पर बट्टा जरूर लगा रहे है। यह हाल तब है जब लखनऊ में साफ – सफाई और बेहतर रख – रखाव के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। कोर्ट की सख्ती की बाद भी लापरवाह अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगी। नतीजा जगह – जगह गंदगी का अम्बार अभी भी कोर्ट के निर्देशों को मुँह चिढ़ा रहा है।
अधिकारियों की खामियाजी राज्य सरकार को भुगतना मानो एक नियति सी बन चुकी है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई ऐसे मौके आये जब राज्य सरकार की न्यायालय में सीधी जवाबदेही तय की गई। कई बार तो कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर बड़े अधिकारियों को सजा भी मिली। बाजवूद मजाल है कि यहाँ के अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाये हो। आलम अब यह हो चुके है कि साफ – सफाई और बेहतर रख – रखाव के लिए कोर्ट को सामने आना पड़ रहा है। ऐसे ही एक मामले में जनहित याचिका की सुनवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ को गंदगी मुक्त बनाने और बेहतर रख – रखाव के लिए अधिकारियो को निर्देश दिए थे।
हमेशा की तरह इस बार भी हुक्मरानों ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं कराया। नतीजा गंदगी के अम्बार और अतिक्रमण से राजधानीवासियों को अभी भी जूझना पड़ रहा है। नगर निगम के जोन 6 की बात की जाये तो यहाँ पर सफाई कर्मी आते ही नहीं है। स्थानीय निवासी जब सफाई कर्मियों से सफाई के लिए मिन्नतें करते है तो वह उनसे रूपये की मांग करते है। रूपये न देने की स्थिति में सफाई में शून्य पर रह जाती है।
राजधानी गंदगी मुक्त कब हो पायेगी। इस सवाल पर लखनऊ के नगर आयुक्त डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम इसके लिए योजना बना रहा है। योजना को मूर्त रूप देने के लिए के सभी जोनो में क्रमवार बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि साफ़ सफाई के साथ ही कूड़ा उठान समेत अन्य बिंदुओं को साथ में लाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि शहर की गंदगी मुक्त बनाया जा सके। नगर आयुक्त के मुताबिक लापरवाह कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही कई ऐसे लापरवाह लोगो को निलंबित भी किया जा चुका है। साथ ही नगर आयुक्त ने राजधानी वासियो से अपील भी की है कि वह भी साफ़ – सफाई के प्रति जागरूक है। बिना राजधानी वासियो के सहयोग से लखनऊ कभी गंदगी मुक्त नहीं हो पायेगा। नगर आयुक्त डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम और लखनऊ के लोगो संयुक्त प्रयास के बाद ही राजधानी को गंदगीमुक्त बनाया जा सकेगा।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी पंकज भूषन ने बताया कि साफ – सफाई का काम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही नालों की सफाई का भी काम शुरू हो चुका है। इनके मुताबिक जल्द ही व्यावस्था को पटरी पर लाया जायेगा। अभी तक जो व्यावस्था सिर्फ कागजो तक चल रही थी। अब उसको पटरी पर लाने की मुहिम शुरू हो चुकी है। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद भी राजधानी में साफ – सफाई और बेहतर रख – रखाव हो पायेगा। इसमें अभी फिलहाल संशय बना हुआ है।