गोरखपुर(जनमत):- गोरखपुर में BRD मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुधीर गुप्ता के प्राइवेट अस्पताल ग्रीनलैंड में टीका लगवाने से एक और नवजात की मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद उसके पिता ने भी चिलुआताल पुलिस को डॉ. सुधीर गुप्ता के खिलाफ लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, अभी इस मामले में पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया है। लेकिन, पुलिस ने नवजात का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जबकि, इससे पहले 5 मार्च को ही एक और नवजात की इसी अस्पताल में टीका लगाते ही मौत हो गई थी। इंजेक्शन लगते ही बच्चे का शरीर नीला पड़ गया था। जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उसकी मौत हो गई। इस मामले में मासूम के पिता ने डॉ. सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगी के खिलाफ चिलुआताल थाने में लापरवाही का केस भी दर्ज कराया है। इसी दिन दो और मासूमों को भी डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने टीका लगाया था। तीनों का शरीर नीला पड़ गया था। जिनमें अब तक दो मासूमों की मौत हो चुकी है।
रसूखदार और BJP नेता का भाई है डॉक्टर सुधीर गुप्ता
हालांकि, अब तक डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आरोपी डॉक्टर शहर का एक रसूरखदार और बीजेपी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। शायद यही वजह है कि पहले जिस मासूम की मौत हुई थी, उस मामले में पुलिस कार्रवाई करने की बजाय, पीड़ित परिवार को मामला मैनेज करने की सलाह देती रही। बाद में मामला तूल पकड़ने के बाद अभी शनिवार को इस मामले में बड़ी मुश्किल से पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की है।
BRD का डॉक्टर चलाता है प्राइवेट अस्पताल
दरअसल, ग्रीनलैंड अस्पताल BRD मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग के डॉक्टर सुधीर गुप्ता है। हालांकि, अस्पताल कर रजिस्ट्रेशन उन्होंने वह अपने भाई डॉ. डीके गुप्ता के नाम से करा रखा है। लेकिन, डॉ. सुधीर गुप्ता भी यहां प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं। दोनों मृत बच्चों की डिलेवरी भी डॉ. सुधीर गुता ने ही कराया था। दोनों मासूमों के पिता ने डॉ. सुधीर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है।
ग्रीनलैंड अस्पताल पर बंद रहती सबकी आंखें
इतना ही नहीं, सीएम सिटी में BRD मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर खुलेआम अपना प्राइवेट अस्पताल चला रहा है। पूरे शहर को यह बात पता है। लेकिन, जिले के CMO से लेकर BRD के प्रिंसिपल तक को इसकी जानकारी नहीं है। क्योंकि, डॉक्टर का भाई बीजेपी का नेता है। चिलुआताल इलाके के करीमनगर चरगांवा स्थित ग्रीनलैंड का यह अस्पताल भी डॉक्टर सुधीर अपने भाई के नाम पर ही चलाता है।
अस्पताल से जुड़े सूत्रों का दावा है कि इस अस्पताल को चलाने के लिए डॉक्टर सुधीर हर महीने मोटी रकम भी खर्च करता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन अस्पताल पर अपनी आंखें बंद कर रखा है।
अब तक दो मासूमों की हो चुकी है मौत
शाहपुर इलाके के बशारतपुर के रहने वाले शिशांत चार्ल्स ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है, 5 मार्च की सुबह उनकी पत्नी ने ग्रीनलैंड अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। इसी दिन शाम में यहां के डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने नवजात को टीका लगाया। आरोप है कि टीका लगने के कुछ ही देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई। उसका शरीर नीला पड़ गया। डॉ. सुधीर ने तत्काल बच्चे को BRD मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के 100 बेड वाले अस्पताल में रेफर कर भर्ती कर दिया। तभी से वहां मासूम का इलाज चल रहा था। रविवार की सुबह इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई।
जबकि, 5 मार्च को ही डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने ग्रीनलैंड अस्तपाल में ही दो अन्य बच्चों को भी टीका लगाया था। तीनों को इंजेक्शन लगते ही बीमार पड़ गए। परिजन एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां पर बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया। जिसमें उसी दिन इलाज के दौरान एक नवजात की मौत हो गई थी। जबकि, दूसरे की आज हुई। अभी तीसरे मासूम की हालज नाजुक बनी हुई है।
मासूम के पिता ने दर्ज कराई है FIR
गगहा के रहने वाले सौरभ कुमार राय ने 5 मार्च को सात दिन के नवजात को ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में टीका लगवाया था। आरोप है कि टीका लगने के कुछ ही देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई। परिजन एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां पर बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई।
पुलिस से लेकर सीएम तक लगाई थी गुहार
वहीं, इस मामले में सौरभ ने चिलुआताल थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। लेकिन, घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद भी उनका केस नहीं दर्ज किया गया। इस बीच वह जनता दरबार में जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले। सीएम ने कार्रवाई का भरोसा भी दिया। बावजूद इसके हुआ कुछ भी नहीं। शुक्रवार को पीड़ित परिवार ने डीएम कार्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर हंगामा किया। इसके बाद शनिवार को इस मामले में पहली FIR दर्ज की गई।
एक हफ्ते में पूरी नहीं हुई CMO की जांच
हालांकि, अभी तक डॉ. सुधीर गुप्ता के प्राइवेट प्रैक्टिस करने से लेकर उनके प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। CMO डॉ. आशुतोष कुमार दुबे का कहना है, नवजात को जो टीका लगाया गया, उसकी जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। टीके का कोल्ड चेन मेंटन किया गया था या नहीं।
अस्पताल में टीका रखने की व्यवस्था है या नहीं। बाल रोग विशेषज्ञ या प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी ने टीका लगाया था या नहीं। इन सभी बिंदुओं पर जांच कराई जा रही है। साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस के मामले में भी जांच शुरू करा दी गई है। इसकी रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी और शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।