मुजफ्फरनगर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में निराश्रितों को मिलने वाले सरकारी मकानों में जिम्मेदारों ने बड़ा खेल कर दिया। जिनको मकान देना चाहिए था उनको तो नहीं मिले यह जरूर है कि जिनके पहले से ही खुद के घर थे साठगांठ कर अधिकारियों ने उनको ही मकान आबंटित कर दिया। मामला उजागर होने के बाद जनपद के बड़े अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
मोटी रकम लेकर सरकारी घरो को अपात्र लोगो के नाम आबंटित करने के खेल का अब पर्दाफाश हो चुका है। ऐसा करने वालो के खिलाफ अभी कार्रवाई तो नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही ऐसे भ्रस्ट जिम्मेदार लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल यहाँ पर ऐसे लोगो के नाम मकानों का आबंटन हुआ है जो पूरी तरह से अपात्र थे और इनके खुद के पक्के मकान थे। इन लोगों ने अपने घर को किराये पर भी दे रक्खा है। जबकि जो निराश्रित थे और वाकई में जिनको मकान की जरूरत थी और पात्र भी थे उनको मकान नहीं दिए गए। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की कृपा जिस पर बरसी उसको ही नियमो की अनदेखी कर मकान का आबंटन कर दिया।
सरकारी मकान के आबंटन के फर्जीवाड़े में सीधे तौर पर जिला परियोजना अधिकारी संदीप कुमार सिंह पर उंगलिया उठ रही है। यही वजह भी थी कि हमारे संवाददाता ने जब उनसे इस मामले का पक्ष जानना चाहा तो वह कार्यालय से ही नदारद मिले। हालांकि मामला अब जिला प्रशासन के अधिकारियों की भी संज्ञान में आ चुका है। एडीएम मुजफ्फरनगर अमित कुमार के मुताबिक मामला उनकी संज्ञान में है। जाँच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी और गलत तरीके से सरकारी योजना का लाभ लेने वालो से रिकवरी भी की जाएगी।