फर्रुखाबाद(जनमत):- अनामिका शुक्ला कांड का मास्टरमाइंड मैनपुरी निवासी पुष्पेंद्र सिंह उर्फ राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी फर्रुखाबाद के कुंवरपुर खास में सुशील के नाम से सहायक अध्यापक के पद पर तैनात था| मुख्य आरोपी अब तक करीब 32.64 लाख रुपये वेतन पा चुका है| तो वहीं मामले का खुलासा होने के बाद भी डीएम मानवेंद्र सिंह व बीएसए लालजी यादव में आरोपी के नाम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है| डीएम अश्वनी के गिरफ्तार होने की बात कह रहे तो बीएसए सुशील के नाम पर नौकरी करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं|
दरअसल, कासगंज में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही कायमगंज के गांव रजपालपुर की सुप्रिया जाटव पकड़ी गई तो एक के बाद एक कई चैकाने वाले खुलासे शुरू होने लगे| इसके बाद इसी गांव के फर्जी पते की रीना का मामला प्रयागराज में खुला| एसटीएफ के हत्थे पुष्पेंद्र सिंह उर्फ राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी चढ़ा तो उसके फर्जीवाड़े के परतें खुलनी शुरू हुईं| इस पूरे खेल में बीएसए दफ्तर के लिपिकों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया| मुख्य आरोपी के पकड़े जाने पर मामला खुला तो बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अफरा-तफरी मची है| शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों से नौकरी लगवाने वाले मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र ने सुशील कुमार कौशल के अभिलेखों से साल 2014 में जिले में नियुक्ति पाई थी| जानकारी के अनुसार,तत्कालीन बीएसए योगराज सिंह की देखरेख में काउंसिलिंग हुई थी| शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद उसकी पहली ज्वाइनिंग प्राथमिक विद्यालय कुंवरपुर खास में हुई|
वह लाकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से पहले मार्च 2020 तक यहां आया है| मैनपुरी के थाना भोगांव के नगला खराव निवासी मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र सिंह उर्फ राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी बीते 6 साल से कायमगंज के गांव कुंअरपुर खास के प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक बनकर सरकार को धोखा दे रहा था| विभाग को 32 लाख से अधिक वेतन का चूना लगा चुका है| वहीं जिलाधिकारी ने मुख्य आरोपी अश्वनी कुमार के गिरफ्तार होने की बात कही है,जबकि बीएसए लालजी यादव सुशील कुमार के नाम पर नौकरी करने वाले की गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं| अब कौन किसको गुमराह कर रहा, यह तो चैकाने वाली बात है|
Posted By:-varun dubey