बस्ती (जनमत) : भारतीय रेल अक्सर अपनी लेटलतीफी के लिए जानी जाती है लेकिन इसी भारतीय रेल का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लेटलतीफी के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। मामला यूपी के बस्ती जिले का है जहाँ साल 2014 में खाद लेकर विशाखापट्टनम से चला रेल वैगन 4 साल बाद कल बस्ती पहुंचा। रेल वैगन के यहां पहुंचते ही अधिकारी और कर्मचारी आश्चर्य में पड़ गए। इस ट्रेन के वैगन में जो खाद लदी है, उसके संबंध में बताया जा रहा है कि 50 फीसद खाद बेकार हो गयी है । इस चूक का खामियाजा कौन भुगतेगा, यह तय करना भी अफसरों के लिए चुनौती बन गया है।
वहीँ जानकारी के अनुसार एक मालगाड़ी में भटका वैगन (एसई 107462) बस्ती स्टेशन पहुंचा। माल गोदाम के इंचार्ज को सूचना दी गई। जांच-पड़ताल शुरू हुई तो पता चला की इस खाद को कोई क्लेम करने वाला ही नहीं है और यह 2014 में बस्ती के लिए बुक किया गया था।लेकिन तब से अबतक यह रेल वैगन कहां रह गया था कोई बताने वाला नहीं है। वैगन में लगभग 1300 डीएपी खाद की बोरियां मिली हैं, जो बेकार हो चुकी है. इतना तो सब जानते हैं कि मालगाड़ी लेट रहती है पर, इतना भी लेट हो जाए तो आश्चर्य की बात है। विशाखापटनम से बस्ती स्टेशन लगभग 13 सौ किलोमीटर दूर है ….जहाँ पहुंचने में कुल समय 42 घंटे 13 मिनट लगते हैं पर इस बैगन ने सभी रिकार्ड तोड़ डाले। इसपर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया है कि कभी-कभी कोई बोगी और वैगन जब सिक हो जाता है तो उसे ट्रेन से काटकर अलग कर दिया जाता है। और वह यार्ड में भेज दिया जाता है। इस खाद के बैगन के साथ भी यही हुआ होगा। फिलहाल अब इसके मालिक की खोज की जा रही है और यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर इसे यहां पहुंचने में इतना वक्त कैसे लग गया..