बलरामपुर (जनमत) :- उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक रोजगार सेवक, प्रधान और लेखपाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस आदेश को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। जिसमें योगी आदित्यनाथ ने गरीबों के घर को उजाड़ने वाले अधिकारी और कर्मचारी को साफ कहा है कि किसी गरीब के घर को उजाड़ा नहीं जाएगा बल्कि अगर किसी गरीब का सार्वजनिक जमीन पर घर है तो उसे पहले दूसरी जगह आवास देकर तभी खाली कराया जाएगा।
मामला बलरामपुर जिले के सदर तहसील के अन्तर्गत थाना ललिया क्षेत्र के मूर्तिहवा ग्राम का है। जहाँ पर कई गरीबो का सैकड़ों साल पुराना घर रोजगार सेवक, प्रधान और लेखपाल की मिली भगत से मनरेगा मजदूरों से गिरवा दिया गया है। सैकड़ों साल पुराना घर नाले की जमीन पर बना बताया जा रहा है। गाँव वालों से जब जानकारी की गई तो लोगों ने बताया की गाँव में कई सौ मिटर लम्बा नाला है । जिस पर कई घर बने हुए हैं। लेकिन रोजगार सेवक अपने नीजि रंजिश में सिर्फ कुछ लोगों का सैकड़ों साल पुराना घर डरा धमकाकर बिना नोटिस बिना कार्रवाई के मनरेगा मजदूरों से गिरवा दिया है।
इस ठंडक में यह गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों के साथ रहने पर मजबूर हैं। मुख्यमंत्री के आदेश को चुनौती देते रोजगार सेवक, प्रधान और लेखपाल पर क्या कार्रवाई होगी। यह एक बड़ा प्रश्न है? अब यह लोग न्याय पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं गरीबों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी हुए इस कारनामे पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं कुछ बोलने को तैयार नहीं है।