लखनऊ (जनमत): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा और मजबूत किया जाएगा। वैसे तो देखा जाये तो मुख्यमंत्री को कोई खतरा नहीं है फिर भी उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की तर्ज पर अब प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (SSG) के गठन के सुझाव पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। लखनऊ में स्थित लोकभावन मुख्यमंत्री के कार्यालय की सुरक्षा को और भी कड़ा किया जाएगा, साथ ही पूरे कार्यालय को बुलेटप्रूफ बनाया जायेगा क्यू की अर्द्ध सैनिक बल(CISF) ने लोकभवन में स्थित मुख्यमंत्री के दफ्तर में बाहर की तरफ़ लगे शीशों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया है|
जिस के बाद राजकीय निर्माण निगम को यह निर्देश दिया गया की वो मुख्यमंत्री कार्यालय को बुलेटप्रूफ बनाये| इसी के साथ ही अपर मुख्य सचिव गृह एवं गोपन अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में इस समस्या पर बैठक हुई। जिस में अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा की ओर से स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप(SSG) के गठन को लेकर भेजे गए सुझाव पर वार्ता हुई। वही सुझाव के कई मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई। इनमें एसएसजी(SSG) में नियुक्त होने वाले सुरक्षा कर्मियों व कमांडो के ट्रेनिंग की व्यवस्था का मुद्दा भी शामिल था। लोकभवन के पंचम तल पर 1 एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाने को कहा गया है जिस से घुसपैठ की आशंका को खत्म किया जासके साथ ही साथ लोकभवन के पास जितने भी पेड़ों लगे है उनकी कटाई और छटाई के साथ आस पास लगे बिजली खंभों को भी 1 सप्ताह में हटाये जाने का भी निर्देश दिया गया है|
इस के साथं ही साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में CCTV कंट्रोल रूम बनाने और इनके जरिए पूरे परिसर पर नजर रखने की व्यवस्था भी होगी| इसके साथ ही परिसर के वॉच टावरों को भी दस दिन में नेट से कनेट करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि कोई भी ग्रेनेड से लोकभवन को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचा सके| साथ ही साथ लोकभवन के सुरक्षाकर्मियों को एंटी टेरर स्कॉट(ATS) से ट्रेनिंग दिलाया जायेगा| इन परिसरों के पार्किंग स्थल की एंटी सेबोटाज से जांच होगी| प्रदेश पुलिस की सुरक्षा शाखा मुख्यमंत्री की सुरक्षा और पुख्ता करने का मुद्दा इस से पहले भी कई बार उठा चुकी है। स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप(SSG) के गठन को लेकर भी कुछ समय पहले ही प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था। अब इस पर अमल करने की कवायद शुरू हुई है। जानकारों का कहना है कि नई व्यवस्था लागू होने पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक होने की संभावना नहीं रह जाएगी।