गोरखपुर(जनमत): उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सीएम के फरमान पर लग रहा पलीता, नगर निगम कागजो में कर चुका खाना पूर्ति, जी हाँ, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब सूबे की कमान संभाली थी, तो सबसे पहले उन्होंने फरमान सुनाया था, कि प्रदेश में जितने भी आवारा पशु हैं, उन्हें एक निश्चित जगह पर ले जाकर उन्हें स्थाई रूप से रख कर के उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था की जाए,
लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह फरमान गोरखपुर के नगर निगम या जिला प्रशासन पर ज्यादा प्रभाव डालता नजर नहीं आ रहा है, आलम यह है, कि कागजों में तो आवारा पशु और सांढ़ सीएम सिटी से नदारद हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है, इस जमीनी हकीकत का जायजा लेने जब जनमत न्यूज़ की टीम सड़कों पर पहुंचे, तो वहां पर हर चौराहे हर गलियों में हमें आवारा पशु सांढ़ नजर आए ।
गोरखपुर यानी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जनपद सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरमान सुनाया था, कि जितने भी आवारा पशु है, उन्हें गौशाला में या गौ संरक्षण केंद्र में रखा जाएगा, लेकिन शायद गोरखपुर का जिला प्रशासन और नगर निगम इस फरमान को मानने के मूड में नजर नहीं आ रहा है, और सीएम को डार्क में रखकर कागजी कार्रवाई कर खानापूर्ति कर चुका है,
नगर निगम का यह दावा है, कि शहर में एक भी आवारा पशु या सांढ़ किसी भी चौराहों के गलियों में नजर नहीं आएंगे, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है, गोरखपुर शहर के तमाम चौराहों को तमाम सड़कों के तमाम मोहल्ले के गलियों के हालात को दिखाते हैं, चाहे वह बक्शीपुर चौराहा हो चाहे वह नखास हो, चाहे फिर घंटाघर के तमाम इलाके आवारा सड़कों पर खड़े हुए बैठे हुए आपको नजर आएंगे,
वही इस मामले को लेकर गोरखपुर नगर आयुक्त का कहना है, कि आवारा पशु कम हुए है, सांढ़ तो खत्म हो चुके है, सबको गौ संरक्षण केंद्र में रखवा दिया गया है, और शहर में सड़कों पर नहीं है, यह उनका दावा है, उनसे जब सवाल किया गया कि आप का मानना है, कि शहर में एक भी सांढ़ नहीं है, तो उनका कहना था, कि आप यह कह सकते हैं, अब ऐसे में एक प्रतिष्टित कुर्सी पर बैठे हुए अधिकारी किस तरीके से बयां कर रहे हैं, इसको बखूबी समझा जा सकता है ।
अंजनी कुमार सिंह (नगर आयुक्त गोरखपुर)
गोरखपुर में सड़कों पर चौराहों पर गलियों में मोहल्लों में आवारा पशु है, या नहीं क्या जो दावा नगर निगम के नगर आयुक्त कर रहे हैं, उसकी पड़ताल करने के लिए हम सड़कों पर निकले तो हमें हर अगले मोड़ पर आवारा पशु और साढ नजर आएं, यह हम नहीं बल्कि हमारी तस्वीरें कह रही हैं, साथ ही जो स्थानीय लोग हैं, वह भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं, कि किस तरीके से सड़कों पर मोहल्लों में आवारा पशुओं का आतंक है,
एक नहीं दो नहीं तीन नहीं चार नहीं बल्कि 7 से 8 9 10 की संख्या में आवारा पशु हमें नजर आए, जो हमारे कैमरे में कैद हुए इन तस्वीरों को देखकर बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है, कि नगर आयुक्त की दलीलें और तस्वीरों में कितना फर्क है ।
नगर आयुक्त एक तरफ कहते हैं, कि सड़कों पर सांढ़ों को हटा दिया गया है, और सड़कों से सांड मुक्त बना दिया गया है, लेकिन जो हमारे वीडियो में कैद चौराहों पर सड़कों पर सांढ़ और आवारा पशु नजर आ रहे हैं, यह तस्वीरें नगर आयुक्त की पोल खोलने के लिए काफी हैं, अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान को किस तरीके से गोरखपुर के नगर आयुक्त पलीता लगाते नजर आ रहे हैं ।