लखनऊ(जनमत): उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में त्याग और बलिदान का त्यौहार ईद उल अज़हा बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर ऐशबाग ईदगाह में हजारो की संख्या में पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बकरीद की विशेष नमाज अता की है। नमाज के बाद लोगो ने एक दूसरे को त्यौहार की मुबारक बाद भी दी।
(ईदगाह में नमाज़ पड़ते लोग)
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने भी ईदगाह पहुंच कर लोगों को ईद उल अज़हा की मुबारकबाद दी। बता दे कि बकरीद की विशेष नमाज़ के लिए ईदगाह में ख़ास इंतजाम किये गए थे। नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो इसके लिए पुलिस और जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद रहा। बता दे कि ईदुल फितर के बाद ईद उल अज़हा यानि बकरीद मुस्लिम त्योहारों में से एक है। इस दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मुस्लिम समुदाय जानवरो की कुर्बानी देते है।
(ईदगाह पहुचें उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा)
मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक पैगम्बर हजरत इब्राहिम की कोई औलाद नहीं थी। अल्लाह की इबादत के बाद उन्हें एक औलाद की प्राप्ति हुई थी। कहा जाता है कि एक दिन खुदा ने हजरत इब्राहिम के सपने में आकर उन्हें सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने की बात कही थी। हजरत साब को अपना बेटा ही सबसे प्यारा था इसलिए बेटे की ही कुर्बानी देने का उन्होंने फैसला किया। कहा जाता है कि क़ुरबानी देते वक्त साहब की भावनाये आड़े न आये इसलिए उन्होंने आँखों में पट्टी बांध ली थी। पट्टी खोलने के बाद हजरत इब्राहिम ने देखा कि उनका बेटा सामने खड़ा था और बलि की बेदी पर एक दुम्बा था। इसी घटना के बाद मुसलमानो में चौपाया जानवरो की कुर्बानी का चलन शुरू हो गया।