सोनभद्र (जनमत):- बिल्ली -ओबरा खनन क्षेत्र वक्त दर वक्त सुर्खियों में रहा है जिसे लेकर यह जनपद प्रदेश व देश स्तर पर अवैध खनन के लिए काफी चर्चित रहा है। पूर्व की सपा- बसपा सरकार के साथ- साथ वर्तमान भाजपा सरकार भी इससे अछूती नही है| सरकार और प्रशासन चाहे जितने भी दावे करे लेकिन अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है| ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किस के सह पर खनन माफिया अवैध खनन करा रहे हैं|
बीते 22 नवम्बर शुक्रवार को बिल्ली- ओबरा खनन क्षेत्र के शारदा मन्दिर मार्ग पर अज्ञात वाहन के धक्के से सड़क किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में मृत वन दरोगा तेज प्रताप सिंह (55) का शव मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गयी| वहीँ स्थानीय पुलिस जहां इसे दुर्घटना मान रही है|वहीं परिजनों का आरोप है कि यह दुर्घटना नही बल्कि खनन माफियाओं द्वारा सोची- समझी रणनीति के तहत उनकी हत्या करायी गयी है।
परिजनों के मुताबिक उन्हें लगातार धमकी मिल रही थी और घटना के पहले भी उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी थी| अवैध खनन रोकने के लिए बने उड़न दस्ते के प्रभारी तेज प्रताप सिंह की मौत के बाद जिला अस्पताल पहुंची पत्नी और परिवारजनों ने खनन माफियाओं द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए कुछ रसूखदारों का नाम लेकर कई गम्भीर आरोप लगाये हैं, वहीँ दूसरी तरफ वन कर्मचारियों का आरोप हैं कि समय रहेतें उन्हें पुलिस का सहयोग नहीं मिल पता है|
वहीँ इस मामले में एडीएम योगेंद्र ने बताया कि पूर्व में बिल्ली- चोपन और घोरावल क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायतें मिली थी जिसे लेकर सम्बन्धित अधिकारियों से टिप्पणी मांगी गयी थी और आवश्यक दिशा- निर्देश भी दीये गये थे, इस मामले में वन दरोगा टीपी सिंह की मौत की जांच करायी जा रही है जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी और किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा|