लखनऊ (जनमत) : उत्तर प्रदेश में जहाँ सियासत एक ऐसा मोड़ लेती नज़र आ रही हैं जहाँ कभी धुर विरोधी और एक दुसरे को फूटी आँख नहीं सुहाने वाले बुआ-भतीजे के गठबंधन को लेकर जहाँ सत्तादारी दल परेशान है और इसका तोड़ निकलने में जुट गया है वहीँ सपा और बसपा का गठबंधन इतना आसन भी नहीं नज़र आ रहा है. इसी के तहत बसपा सुप्रीमो ने बयान ज़ारी कर कहा है की गठबंधन तभी होगा जब सम्मानजनक सीटे उन्हें मिलेंगी… इसका अर्थ साफ़ है की आने वाले समय में सीटो को लेकर पशोपेश की स्थिति बन सकती है. वहीँ मायावती ने एक बार फिर मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला कहा की केंद्र में मजबूत नहीं, मजबूर सरकार होनी चाहिए क्योंकि गठबंधन की सरकार पर ज्यादा दबाव होता है और जिम्मेदारी भी ज्यादा होती है.
एक तरफ जहाँ लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष एक होकर बीजेपी को शिकस्त देना चाहता है वहीँ दूसरी और गठबंधन की इस राह में रोजाना नई-नई परेशानी सामने आ रही है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में गठबंधन के नेतृत्व पर राहुल गांधी का नाम सामने आने के बाद मायावती ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया वह गठबंधन सम्मानजनक सीटें के मिलने पर ही कर सकेंगी. यह कहना गलत नहीं होगा की अभी बड़े रोड़े है इस गठबंधन में..यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा…. की कौन किसका खेवनहार बनता है.