कुशीनगर(जनमत):- देश की राजधानी दिल्ली में जहाँ तीस हजारी कोर्ट के बाहर बीते शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झडप हुई वहीँ दूसरी तरफ इस मामले में देशभर में वकील इस घटना का विरोध कर रहे है| बताया जा रहा है कि पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिस के बीच ये विवाद शुरू हुआ है| कुछ गाड़ियों में भी आग लगाई गई है| इस दौरान फायरिंग की भी खबर है| इससे गुस्साए वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कई गाड़ियों में आग लगाने के साथ ही पुलिस अफसरों की भी पिटाई कर दी।
तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष और पुलिस द्वारा आंदोलन करने से कुशीनगर जनपद के खड्डा तहसील बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं की बैठक तहसील पेरिसर में हुई| खफा खड्डा तहसील क्षेत्र के अधिवक्ताओं ने खड्डा तहसील से सुभाष चौक तक पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। वकील पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर है और अनिश्चितकाल के लिए कार्य नहीं करने का ऐलान किया| वकीलो ने कस्बे में जुलुस निकालकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया|
तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव,महामंत्री अवधेश यादव, उपाध्यक्ष गिरजाशंकर पाण्डेय ने कहा की जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो लोगो की सुरक्षा की उमीद किससे की जाये उन्होंने इस धटना को ले कर देश भर के वकीलों से विरोध करने की अपील की| इस दौरान अधिवक्ता राजेंद्र जायसवाल, भानु प्रताप पाण्डेय,अमिमय मालवीय,हरीलाल कुशवाहा,नित्यानंद पाण्डेय,गणेश, अनिलसिंह,एके गौतम आदि मौजूद रहे| वहीं पटियाला और तीस हजार कोर्ट में भी वकीलों ने कामकाज ठप कर दिया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने सभी बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर हड़ताल खत्म करने और जल्द काम पर लौटने को कहा है।
वकीलों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने पीड़ित वकील व दो अन्य को लॉकअप में बंद कर पीटा। बार काउंसिल ने कोर्ट से कहा कि साकेत की घटना में दिल्ली पुलिस ने सेक्शन 392 के तहत मामला दर्ज किया है| पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है| पुलिस पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है|
Posted By:- Amitabh Chaubey