ललितपुर (जनमत) :- यूपी के ललितपुर जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की ठप्प होने के पीछे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में फैला भ्रष्टाचार है। सरकार ने प्रत्येक नागरिक को उचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए ब्लॉक व न्यायपंचायत स्तर स्वास्थ्य केंद्र खोल हैं। ऐसा ही नहीं है कि यहां पर स्टॉफ भी तैनात किया गया है, जिसकी लाखों रूपयों के वेतन का भुगतान भी सरकार जनता की गाढ़ी कमाई से कर रही है। लेकिन इन ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर कागजों में ही चिकित्सकों की तैनाती है, हकीकत में या तो चिकित्सक व अन्य स्टॉफ अटैच हैं, या फिर सीएमओ को हिस्सा देकर अपनी हाजरी पूरी करा रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में लोगों को फ्री इलाज के लिए अस्पताल खोले गए हैं, इन अस्पतालों में चिकित्सक व फार्मासिस्ट तैनात किए गए, लेकिन अधिकांश चिकित्सक जिला मुख्यालय पर संबंद्ध है। तो कुछ चिकित्सक तो सिर्फ जनपद में हाजरी भरने आते हैं, और मोटा वेतन लेकर चले जाते हैं, हालांकि इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में उन्हें मोटी रकम अदा करनी होती है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला लगा हुआ है। सरकार लाखों रूपये खर्च इमारते व चिकित्सक तैनात किए, लेकिन भ्रष्टाचार की बली वेदी पर यह इमारतें ग्रामीणों के सफेद हाथी दिखाई दे रही हैंे।
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हड्डी रोग विशेषज्ञों की जिला मुख्यालय में जबरन तैनाती
जिला चिकित्सालय में वर्तमान समय में हड्डी रोग विशेषज्ञों की भरपूर तैनाती है, ऐसे में यहां पर तैनात एक चिकित्सक सेवानिवृत्त होते हैं, तो वह मुख्य चिकित्सा कार्यालय में ग्रामीण इलाकों में सेवा देने के लिए संविदा नियुक्ति ले लेते हैं, लेकिन इसके बाद मंथली कमीशन देकर जिला अस्पताल में आवश्यकता के बिना ही वह संबंद्ध हो जाते हैं।
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बालाबेहट में तैनात फार्मासिस्ट है स्टोर में रूम अटैच होकर खा रहा मलाई
जैसा की सभी को पता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार की शुरूआत वहां पर स्थापित स्टोर से होती है। एनआरएचएम घोटाले से अभी तक भ्रष्टाचार के मामले में यह अभी भी पहले पायदान पर है। यहां पर ईमानदार आदमी तैनात हो नहीं सकता र्है। तो वहीं बेइमान के लिए पर्याप्त जगह है। यही कारण है कि मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ते हुए बालाबेहट में तैनात फार्मासिस्ट को स्टोर में अटैच किया है।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…