जालौन (जनमत) :- रोशनी का त्यौहार दीपावली नजदीक है ऐसे में हर घर में मिट्टी के दिए को जलाकर रोशन किया जाता है और श्री लक्ष्मी- गणेश के पूजन के साथ घर में सुख शांति और समृद्धि की कामना की जाती है। दीपावली आगामी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर दीपों से अपने घर-आंगन को सजाने की तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है। वहीं कुम्हार भी तेजी से दीये बनाने में जुट हुए हैं। बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं। वहीं पारंपरिक दीयों की खरीदारी अधिक हो रही है। चाइनीज दीयों से मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है.
वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे दीयों की खरीदारी पर जोर देने के कारण भी इसका खासा प्रभाव पड़ रहा है। दीपावली में इस बार दीपकों की डिमांड भी बढ़ रही है। कुम्हारों के कच्ची मिट्टी के पक्के दीयों को खरीदने के लिए युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। धन की देवी माता लक्ष्मी व गणेश का स्वागत करने के लिए दीयों के साथ-साथ कलश का भी ऑर्डर लोग देने लगे हैं। ओम व स्वास्तिक लिखा रंगीन कलश अधिक पसंद किया जा रहा है। प्राचीन संस्कृति के लिहाज से मिट्टी के दीपकों का ही दीपावली में महत्व होता है। बकौल कच्चे दिये बनाने वाले कुम्हार के मुताबिक अब इलेक्ट्रिक चाक होने से काम तेजी से होता है। पहले हाथ का चाक होता था, लेकिन इस चाक से फटाफट दीपक व अन्य सामान तैयार किया जाता है। बिजली न आने की स्थिति में हाथ का चाक भी तैयार रखा जाता है जिससे काम प्रभावित न हो। इस पर दीपक, घड़ा, करवा, गमला, गुल्लक, गगरी, मटकी, बच्चों की चक्की समेत अन्य उपकरण भी बनाए जाते हैं। जो कि इस दिवाली लोगो के घरों को रोशन करने के साथ ही अपनत्व का एहसास भी कराएँगे.
REPORT- VISHNU PANDEY..
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…