सहारनपुर (जनमत ) :- ख़बर उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर से है | सामाजिक वानिकी वन प्रभाग के जिला वन अधिकारी गौतम राय ने एक विशेष लेख वार्ता के दौरान बताया कि जंगलों के अंधाधुंध कटान से प्रदेश के लगभग सभी जिलों में वनक्षेत्र घट रहा है। ऐसे में सहारनपुर ने उम्मीद की किरण जगाई है। यहाँ लगातार पौधरोपण अभियान के चलते वन क्षेत्र बढ़ा है। भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार सहारनपुर जनपद में 49.92 स्क्वायर किलोमीटर (4992 हेक्टेयर) क्षेत्रफल बढ़ा है, जो वर्ष 2019 के मुकाबले 13.37 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में सिर्फ दो जिलों सहारनपुर और चित्रकूट में जंगल का रकबा बढ़ा है। अब जिले में जंगल का कुल क्षेत्रफल 493.18 स्क्वायर किमी है।
भारतीय वन सर्वेक्षण की प्रत्येक दो साल में सेटेलाइट रिपोर्ट आती है। इसमें पता चलता है कि किस क्षेत्र में जंगल का क्षेत्रफल घटा या बढ़ा है। इस बार की रिपोर्ट के अनुसार, सहारनपुर जनपद का भौगोलिक क्षेत्र 3689 स्क्वायर किलोमीटर का है। इसमें मध्यम घने जंगल का क्षेत्रफल 174 स्क्वायर किलोमीटर है, जो शिवालिक वन रेंज में आता है। पौधरोपण के माध्यम से खुले जंगल का क्षेत्रफल 319.18 स्क्वायर किलोमीटर का है। पौधारोपण अभियान का सहारनपुर जनपद में असर दिख रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण की इसी माह आई रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में सिर्फ सहारनपुर और चित्रकूट जिलों में जंगल का रकबा बढ़ा है |
विश्व वन्य जीव सुरक्षा दिवस के अवसर पर जिला वन अधिकारी गौतम राय ने जन जागरूकता के लिए कहा कि वन्य जीव और वनस्पति हमारे जीवन और विकास के लिए बहुत जरूरी है यही पर्व पर्यावरण के संतुलन को बना करके रखते हैं उसकी जागरूकता के लिए ही हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है वनों से होती दुर्लभ प्रजातियों को बचाने के लिए ही हर साल पौधारोपण कराया जाता है | इसका मकसद यह है कि वन सुरक्षित होंगे तो वन्यजीव भी उसमें सुरक्षित रह पाएँगे हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया जाता है |