अलीगढ़(जनमत):- देखिए बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ आपकी यूपी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अब अपनी वर्दी और अपने बच्चों सहित मंदिर की भी कसमें खाने से बिल्कुल गुरेज नहीं कर रही है। क्योंकि ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी थाने से निकल कर दुनिया के सामने उजागर हुआ है। जहां सारसोल पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा संजीव कुमार पर आरोपी को थाने से छोड़े जाने की एवज में रुपए की मांग किए जाने का गंभीर आरोप लगा है। सारसोल पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा संजीव कुमार एक आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए 7 दिन पहले उसके घर पहुंचा ओर आरोपी की पत्नी को दिलासा दिलाया कि वह अपनी खाकी वर्दी और अपने बच्चों सहित चौकी के सामने बने मंदिर की कसम खाता है कि वह उसके आरोपी पति का 151 में चालान कर थाने से छोड़ देगा। लेकिन इसके लिए पत्नी को पहले गब्बर को पकड़ कर उसे देना होगा।
पत्नी का आरोप है कि पुलिस विश्वास में लेकर 151 में उसके पति को पकड़कर थाने ले आई और 7 दिन थाने में बैठाकर रखने के बाद उसके पति गब्बर पर पोस्को एक्ट की धारा 376 में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पत्नी का आरोप है तो उसके पति को छोड़ने के लिए पुलिस ने उससे 20 हजार रुपयों की भी मांग की थी। जब वह पुलिस के द्वारा मांगे गए रुपए की मांग को पूरी नहीं कर पाई। तो पुलिस ने उसके निर्दोष पति गब्बर को जेल भेज दिया। आपको बताते चलें कि पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र के काशीराम आवास का है। जहां काशीराम आवास निवासी गब्बर पुत्र ओमपाल पिछले कई महीने से अलीगढ़ रेलवे रैक पर मजदूरी का काम करता था। वही गब्बर सिंह के पड़ोस में रहने वाला मुनेश पुत्र सतपाल भी उसके साथ रेलवे रैक पर मजदूरी का कार्य करता था। लेकिन किसी कारणवश मुनेश को कार्य से हटा दिया गया।
तभी से मुनेश अपने अपने पड़ोसी गब्बर से रंजिश मानने लगा और भविष्य में देख लेने की धमकी दी गई।जिसके बाद करीब 6 महीने बाद थाना बन्नादेवी पुलिस अचानक गब्बर सिंह के घर पहुंचती और आरोपी गब्बर सिंह के परिवार के लोगों को जानकारी देती है कि आपके खिलाफ पड़ोसी महिला अमुक के द्वारा गब्बर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए बन्नादेवी थाने पर शिकायत की गई है। पड़ोसी महिला द्वारा थाने पर की गई शिकायत की बात सुनकर गब्बर सिंह पत्नी और उसके परिवार के लोग सदमे में आ गए। जिसके बाद गब्बर सिंह की पत्नी पड़ोसी महिलाओं के साथ इलाका चौकी पर पहुंची और सरसोल चौकी प्रभारी संजीव कुमार से मिलकर घटनाक्रम की पूरी सच्चाई बताई। जिसके बाद चौकी इंचार्ज पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों से जानकारी करते हुए मामले की जांच की गई तो मामला झूठा और मनगढ़ंत पाया गया।लेकिन इस दौरान गब्बर सिंह को छोड़ने के लिए चौकी इंचार्ज संजीव कुमार ने उसकी पत्नी से 20 हजार रुपये की मांग की गई।
जब गब्बर सिंह की पत्नी और परिवार के लोगों ने चौकी इंचार्ज संजीव कुमार को रुपए देने से इनकार कर दिया।तो चौकी इंचार्ज द्वारा गब्बर सिंह की पत्नी और उसके परिवार के लोगों को विश्वास में लेकर दिलासा दिलाया गया कि वह अपनी वर्दी ओर बच्चों की कसम खाता है कि वह गब्बर को एक बार पकड़कर उसका 151 में चालान कर थाने से छोड़ दूंगा, जिसके बाद दरोगा द्वारा खाई गई कसमो को लेकर गब्बर सिंह की पत्नी अपने पति को अपने साथ थाने ले गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी गब्बर सिंह को 7 दिन थाने के अंदर बैठा कर रखने के बाद उसके ऊपर पोस्को एक्ट की धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस द्वारा 151 में गब्बर सिंह का चालान कर जेल भेजे जाने की बात कही जाने के बजाय उसको 376 में जेल भेजे जाने की खबर मिलते ही उसकी पत्नी आस-पड़ोस की महिलाओं के साथ अपने पति को निर्दोष बताते हुए थाने पहुंच गई।
जिसके बाद जाने पर इकट्ठा हुए पत्नी और महिलाओं के द्वारा आक्रोशित होते हुए पुलिस के ऊपर पैसे मांगने और पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए गए। थाने पहुंची पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति को उठाने लाने से पहले चौकी इंचार्ज संजीव कुमार के द्वारा अपने बच्चों और वर्दी की कसम खाते हुए उससे कहा था कि वह उसके निर्दोष पति का 151 में चालान कर थाने से छोड़ देगा। लेकिन चौकी इंचार्ज ने मंदिर और बच्चों की कसमें खाने के बाद उसे धोखा देते हुए उसके निर्दोष पति को पोस्को एक्ट में जेल भेज दिया।
Reported By:- Ajay Kumar
Posted By:- Amitabh Chaubey