लखनऊ (जनमत) :- इंसान की सांसों की डोर जहाँ इश्वर के हाथों में हैं वहीँ धरती के भगवान् कहे जाने वाले डॉक्टर भी इस डोर को थामना का काम करते है और ठहरती साँसों को नया जीवन देते है. ऐसा ही एक मामला लोहिया आयुविज्ञान संस्थान में देखने को मिला. जहाँ डाक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद एक युवक को नया जीवन प्रदान किया और दूसरी तरफ किडनी ट्रांसप्लांट का अर्धशतक लगा दिया है.
वहीँ गौर करने वाली बात यह भी है की जो ट्रांसप्लांट कई घंटो में होता है वहीँ ट्रांसप्लांट मात्र चार घंटो में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. वहीँ इस सफलता पर डॉ. अभिलाष चंद्रा ने बताया कि यह ट्रांसप्लांट बेहद ही बारीकी और कई जांचो के बाद किया गया है, जिसमे कई प्रकार की जटिलताओं को दूर करते हुए व्यक्ति को नया जीवन दिया जा सका, किडनी ट्रांसप्लांट कि व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है. जिससे की ज्यादा से ज्यादा ज़रूरतमंदो का समय रहते उपचार किया जा सके.