लखनऊ (जनमत) :- राजनेता और राजनीती का समन्वय बहुत ही तालमेल वाला रहता है . हालाँकि राजनीती में कब कौन किसकी जगह और किसका कद हासिल कर ले, यह कोई नहीं कह सकता वहीँ कुछ राजनेता ऐसे होतें हैं की अपने जीवनकाल को जनता के लिए समर्पित कर देते हैं. हम बात कर रहें हैं “नेताजी” के नाम से चर्चित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव गुरुवार को 80 साल के हो गए। 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई। आपको जानकार हैरानी होगी की मुलायम सिंह के पिता सुधर सिंह मुलायम को पहलवान बनाना चाहते थे…लेकिन पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित कर लिया। यहीं से उनका राजनीतिक सफर भी शुरू हो गया.
यह भी पढ़े-धर्मसभा के चलते छावनी में बदला अयोध्या….
मुलायम सिंह यादव ने नत्थूसिंह के परंपरागत विधान सभा क्षेत्र जसवंतनगर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुवात की। वहीँ राम मनोहर लोहिया और राज नरायण जैसे समाजवादी विचारधारा के नेताओं की छत्रछाया में राजनीति का ककहरा सीखने वाले मुलायम 28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने। जबकि उनके परिवार का कोई सियासी बैकग्राउंड नहीं था। ऐसे में मुलायम के सियासी सफर में 1967 का साल ऐतिहासिक रहा जब वो पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। मुलायम को पहली बार मंत्री बनने के लिए 1977 तक इंतजार करना पड़ा। हालाँकि बाद में इन्होने वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया और बाद में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और राजनितिक रूप से अहम् राज्य के मुख्यमंत्री बने और साथ ही 1996 में देश के रक्षामंत्री बने. हमारी तरफ से नेताजी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ……!!