कौशांबी (जनमत ) :- ख़बर उत्तर प्रदेश के जनपद कौशांबी से है | कौशाम्बी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने शनिवार को जिला प्रशासन के खिलाफ घरना प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने अधिवक्ता के घर को अब्दुल कवि का घर बताकर उसे ध्वस्त कर दिया है। जिसके विरोध में अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुए तहसील पहुँचे और डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं में झड़प भी हुई।
सरायअकिल कोतवाली क्षेत्र के भाखान्दा उपरहार के रहने वाला अब्दुल कवि बाहुबली अतीक अहमद का शार्पशूटर है। 25 जनवरी 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड के बाद से अब्दुल कवि फरार चल रहा है। पुलिस ने उसके घर पर नोटिस चस्पा कर भगोड़ा पहले ही करार दे चुकी है। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और दो गनर की सरेराह हत्या होने के बाद प्रशासन लागतार कार्यवाही कर रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस फ़ोर्स बाबा का बुलडोज़र लेकर भाखान्दा गाँव पहुँची। जहाँ बुलडोजर शूटर अब्दुल कवि के मकान पर गरजने लगा और देखते ही देखते आलीशान मकान को ज़मी दोज़ कर मिट्टी में मिला दिया गया था। इस दौरान पुलिस को घर के अंदर ने भारी मात्रा में असलाह बरामद किया। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया था। शनिवार को इसे लेकर अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि जिस घर पर पुलिस ने कार्रवाई की है वह घर अधिवक्ता अब्दुल कादिर का है। जिसे प्रशासन द्वारा अधिवक्ता के परिजनों के जबरन घर ने बाहर कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही किया गया है।
पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए अधिवक्ता पैदल मार्च का तहसील मंझनपुर पहुँचे। जहाँ सीओ मंझनपुर योगेंद्र कृष्ण नारायण ने तहसील परिषद का गेट बंद कर ने अंदर जाने से रोक दिया। इस दौरान अधिवक्ता और पुलिस में झड़प शुरू हो गई। बाद में अधिवक्ताओं के डेलिगेशन अंदर पहुँचा और डीएम को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं की मांग है कि उनके अधिवक्ता साथी का जो नुकसान किया गया उसकी भरपाई जिला प्रशासन करें।
बार एसोसिएशन के महामंत्री लक्ष्मी कांत त्रिपाठी के मुताबिक जिला प्रशासन ने अधिवक्ता अब्दुल कादिर का मकान ध्वस्त कर उसे अतीक के शूटर अब्दुल कवी का बता रही है यह कार्रवाई गलत ढंग से की गई है, जबकि अब्दुल कादिर का अब्दुल कवी से कोई वास्ता नहीं है। लेकिन उन्हें केवल भाई होने की सजा मिली है। हमारी मांग है कि अधिवक्ता के मकान को ध्वस्त कर जो नुकसान पहुंचाया गया है, उसकी भरपाई जिला प्रशासन करें।