अयोध्या(जनमत):- रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण में 30 प्रतिशत कार्य लगभग पूरा हो चुका है। और अब मंदिर के फर्श को तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद स्ट्रक्चर के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।मंदिर निर्माण का तेजी से चल रहे कार्य को देखने पहुंचे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल में इस निर्माण कार्य के इतिहास को आधुनिक तकनीकी के बीच सजोने की बड़ी जानकारी दी है।उन्होंने बताया कि अयोध्या में चल रहे मंदिर निर्माण की तिथि को आधुनिक संसाधन के माध्यम से सुरक्षित किया जा रहा है।दरअसल मंदिर निर्माण के हर एक प्रक्रिया में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण तिथि व उससे संबंधित पूरी जानकारी को ट्रस्ट अपने वेबसाइट पर तैयार कर रहा है।
अयोध्या पहुंचे कामेश्वर चौपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 वर्ष से जो वैश्विक महामारी थी उससे ना केवल राम जन्म भूमि का कार्य बाधित हुआ है बल्कि पूरा विश्व प्रभावित रहा है। इसलिए जो हम लोगों की पहले की जो योजना थी। वह भी प्रभावित रहा और एक लंबा समय उसे ठीक होने में लग गया। फिर भी जो लक्ष्य हम लोगों ने रखा है उसके दृष्टि से कार्य संतोषजनक माना जा रहा है और काफी तेज गति से कार्य चला है। और सभी प्रकार के बाधाओं के होते हुए भी भवन निर्माण समिति ने काफी तत्परता और बुद्धिमत्ता से कार्य को आगे बढ़ाया है।
वही कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम जन्मभूमि का कार्य सदियों तक समाज को प्रेरणा देता रहेगा इसीलिए जो भी निर्माण कार्य में लगे हुए लोग हैं और भवन निर्माण समिति है वह हर एक बिंदु पर गंभीरता से विचार करते हैं। कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नया टेक्नोलॉजी आया है इसमें कई विषयों को सूचीबद्ध करना व दीर्घकाल तक समाज उसको देख सके समझ सके। उन सभी प्रक्रियाओं को किया जा रही है। और हर एक कार्य का लेखा जोखा चलता रहता है।उन्होंने बताया कि एक बार टाइम कैप्सूल को लेकर विचार आया था लेकिन मंदिर के मॉडल में परिवर्तन हुआ है।
और आज पूरा कार्य एक्सपर्ट के चिंतन और संतों के मार्गदर्शन में हो रहा है इस भवन निर्माण समिति में देश के बड़े नामचीन वास्तु शास्त्र से लेकर निर्माण के सभी विधाओं में अच्छे जानकार है। वह सभी इसमें शामिल हैं। वही उन्होंने बताया कि पहले के जमाने में किसी भी चीज को सहेजना कठिन था लेकिन अब कुछ सरल हो गया है। किसी चीज की जानकारी के लिए इंटरनेट से प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए हर विषय को समझने के लिए एक ही विधान नहीं रह गया है बहुत सी विधाएं आ गई हैं आज उनका उपयोग किया जा रहा है।
वही बताया कि जिस प्रकार से मंदिर निर्माण के कार्य में पत्थरों की आवश्यकता होगी उसी तरह से पत्थरों को लाने का क्रम भी शुरू कर दिया जाएगा। कहा कि मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थर निर्माण क्षेत्र के आसपास ही व्यवस्थित रखे जाने हैं। यदि पत्थरों को व्यवस्थित नहीं रखा जाए तो बाधाएं आ सकती हैं इसलिए इसलिए व्यवस्थित रूप से मंदिर निर्माण के लिए सभी को एक साथ संकलित कर लेना उचित नहीं होगा। तो जितना रिक्वायरमेंट होगा उसी के मुताबिक पत्थरों को लाने का कार्य किया जाएगा।