टीन टप्पर और घासफूस के ढेर पर चल रहा “पुलिस थाना”…

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प्रतापगढ़ (जनमत) :-   यूपी के  प्रतापगढ़ का कोहड़ौर थाना ऐसा है जिसे देख आप सोच भी नहीं सकेंगे कि ये 21वीं सदी है इसके पास आजतक भवन नहीं है, टीन टप्पर और खपरैल में संचालित है यह थाना, इंस्पेक्टर हो सब इंस्पेक्टर किसी के लिए रहने का ठिकाना भी ढंग का नही है। प्रयागराज अयोध्या हाइवे पर अमेठी बार्डर पर स्थित है यह थाना।

गौर से देखिए ये है प्रयागराज अयोधया हाइवे पर अमेठी जिले के बॉर्डर पर स्थित कोहड़ौर थाना, इस थाने के पास आज तक भवन नहीं है। खपड़ैल, टीन और घासफूस के इस्तेमाल से जुआड़ से तैयार किया गया है यह थाना, न तो काम करने की जगह है और न ही कर्मचारियों के रहने के लिए सुरक्षित जगह। ऐसे में यहां तैनात पुलिस कर्मी खुद सुरक्षित नहीं है और इनके जिम्मे है इलाके की सुरक्षा की। थाने के सामने पहुचने पर सबसे आगे खपड़े से निर्मित दो कमरे नजर आएंगे, जनसुनवाई के लिए टीन शेड लगाकर फरियादियों की सुनवाई के साथ ही विवेचना का कार्य भी यही होता है। इसके पीछे थाने का छोटा सा कार्यालय है जिसमे मुंशी लिखपढी करते हैं इसी के भीतर एक छोटा सा मालखाना जिसमें कीमती बरामदगी रक्खी जाती है, साथ ही एक बाथरूम के बराबर का कमरा है जिसे नाम दिया गया है पुरूष बन्दी गृह इससे सटा हुआ है महिला हेल्पडेस्क और सीसीटीएनएस, सीसीटीएनएस कमरा कुछ ठीक है जिसमे कम्प्यूटर कक्ष बनाया गया है जिसके बगल मालखाना कार्यालय है.

इसी के साथ ही सिपाहियों के रहने के लिए जर्जर बैरक के बगल ही दीवार खड़ी कर टीन लगाकर कमरे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। निरीक्षक व उप निरीक्षक आवास भी इससे जुदा नहीं है, निरीक्षक आवास पर सीमेंट की चादर है जिसके ऊपर तापमान कम रखने के लिए पुआल रक्खा है व बंदरों से सुरक्षा के लिए इसपर बैर की कंटीली डाल भी रक्खी गई है। इस हालात में रहकर पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था को मजबूत करने में लगे है, अभी तो सब ठीक नजर आ रहा है लेकिन बारिस के मौसम में यहां का बुरा हाल रहता है।

बता दें कि साल 1982 में यह थाना बना तब से आज तक सभी दलों को सरकारें आती जाती रहीं लेकिन इस थाने की बदहाली जस की तस बनी रही, इस थाने की जिम्मेदारी है वीआईपी मूवमेंट के समय उनको स्कॉट करने की और लगभग 4-5 वीआईपी इस थाने के सामने से ही गुजरते है लेकिन इस ओर कभी किसी की निगाह नहीं गई जिसके चलते आज भी यहां तैनात पुलिस कर्मी जान की जोखिम लेकर काम करते है रात बिताने को मजबूर है । इस पूरे मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जानकारी मिली है, इस थाने की जमीन का मुकदमा माननीय उच्च न्यायालय में चल रहा निस्तारण होने के बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही दूसरी जगह जमीन मिल गई है जिसके निर्माण की प्रक्रिया चल रही है.

Report:- VIKAS GUPTA 

PUBLISHED BY :- ANKUSH PAL