लखनऊ(जनमत):- उत्तर प्रदेश की राजनीती में आगामी चुनाव के चलते हर दिन बदलाव नजर आ रहें हैं| वहीँ राष्ट्रीय लोकदल सुप्रीमो जयंत चौधरी बृहस्पतिवार सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के घर पहुंच थे। दोनों नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हुई थी। पर ये बातचीत किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंची। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों में 36 सीटों पर बात हुई है, पर कुछ पर दोनों दावा कर रहे हैं।
मथुरा की मांट सीट पर जल्द अपना कार्यकाल पूरा करने वाले एक एमएलसी को सपा लड़ाना चाहती है, जबकि 2012 में यहां से चुनाव जीते जयंत हर हाल में इसे अपने खाते में चाहते हैं। वहीं, सपा का दावा है कि एमएलसी भले ही रालोद से चुनाव लड़ें, पर मांट सीट उसके खाते में रहे। धनौरा, बुलंदशहर, शिकारपुर, स्याना, अनूपशहर सीटों पर लगभग सहमति बन चुकी है। बागपत की तीनों सीटें रालोद के खाते में आ सकती हैं।सपा और रालोद के गठबंधन की गांठ दिग्गज नेताओं के समायोजन से ही मजबूत होने के आसार हैं। हालांकि कुछ सीटें ऐसी हैं जहां चुनाव चिह्न बदलकर प्रत्याशी लड़ाने पर सहमत बन सकती है।
अभी दोनों दलों की वार्ता अंतिम दौर में हैं। आपको बता दे कि सपा और रालोद का गठबंधन हो चुका है। इस दौरान जयंत और अखिलेश दोनों दो बड़ी साझा रैलियां भी कर चुके हैं पर अभी भी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। अमरोहा की नौगांवा सादात सीट से 2012 में सपा जीती थी। वही 2017 के उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज किया था । अब सपा यहां से अपने पुराने सिपहसालार को लड़ाना चाहती है जबकि रालोद अपना दावा कर रही है। बुढ़ाना सीट रालोद चाहती है, वहीं, चरथावल सीट पर असहमति है।
अखिलेश पुरकाजी कि सीट खुद अपने पास रखना चाहते है जबकि मेरठ दक्षिण, सिवालखास, सरधना और कैंट रालोद को देना चाहते है। उधर, सिवालखास को छोड़ रालोद मेरठ की अन्य सीटों को लेकर आश्वस्त नहीं है। भाजपा छोड़कर आए एक पूर्व एमएलसी के लिए जयंत देवरिया में सीट मांगने के साथ ही टांडा, बस्ती तथा लखनऊ की एक एक सीट पर भी दावा कर रहे हैं। अभी दोनों दलों की वार्ता अंतिम दौर में हैं|
Posted By:- Amitabh Chaubey