लखनऊ(जनमत):- सभी राजनितिक पार्टियों ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जोर आजमाइश शुरू कर दी है| इससे पहले भाजपा में पार्टी छोड़ने वालों की भगदड़ सी मची है। एक के बाद एक विधायक और मंत्री इस्तीफे दे रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी लगभग 10 से 12 विधायक भाजपा पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। ये इस्तीफे अचानक नहीं हो रहे हैं। इसकी कहानी 2 माह पहले ही लिखी जा चुकी है। दारा सिंह चौहान ने इस ओर नवंबर में ही इशारा कर दिया था।
राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। आप को बता दे कि पार्टी छोड़ने वाले ज्यादातर विधायक पिछड़ी जाति से हैं। इन सभी का दावा है कि पार्टी में पिछड़े, दलितों की अनदेखी हो रही थी। इसलिए वो पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं, भाजपा के पदाधिकारी इसे टिकट कटने का डर बता रहे हैं। नवंबर माह में अलग-अलग स्तर पर हुई समीक्षा बैठक के बाद ऐसी खबरें थी कि भाजपा पार्टी 100 से 150 विधायकों का टिकट काट सकती है।
वही सूत्रों के अनुसार पार्टी से जुड़े लोगों का दावा है कि जिन विधायकों को थोड़ी भी सक हुआ कि उनका टिकट कट सकता है वह नया ठिकाना तलाशने लगे। दिसंबर से यह सिलसिला शुरू भी हो गया। वहीं, कई विश्लेषक कहते हैं कि पार्टी छोड़ने वाले लोग योगी आदित्यनाथ की कार्य शैली से खफा थे। मौका मिलते ही ये सभी नया रास्ता देख रहे हैं। इन सबके साथ राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है।
भाजपा पार्टी छोड़ने वाले विधयाको में बदायूं जिले के बिल्सी से विधायक राधा कृष्ण शर्मा, सीतापुर से विधायक राकेश राठौर,बहराइच के नानपारा से विधायक माधुरी वर्मा, संतकबीरनगर से भाजपा विधायक जय चौबे है|
भाजपा पार्टी से इन्होने दिया इस्तीफा स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री, भगवती सागर, विधायक, बिल्हौर कानपुर, बृजेश प्रजापति विधायक,रोशन लाल वर्मा विधायक, विनय शाक्य विधायक, अवतार सिंह भड़ाना विधायक, दारा सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री| वही अखिलेश यादव ने टिकट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक और मंत्री अगर आ रहे हैं तो हम उनका स्वागत कर रहे हैं। कुछ लोग हमारे यहां आ रहे हैं, तो कुछ हमारे यहां से जाएंगे भी। ऐसे में टिकट तय करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी|
Posted By:- Amitabh Chaubey
Reported By:- Ankush Pal