बलरामपुर (जनमत):- यूपी के हाथरस में दलित किशोरी के साथ हुई हैवानियत के बाद बलरामपुर में भी एक दलित छात्रा हैवानियत की शिकार हो गई। यहाँ एक दलित छात्रा कॉलेज में दाखिला कराकर घर वापस लौट रही थी तभी रास्ते में आये अचानक तीन – चार बदमाशों ने छात्रा को अगुवा किया और इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया ताकि वह शोर न मचा सके। बाद मे एक कमरे में बंधक बनाकर बदमाशों ने उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। आरोप है कि वहशी दरिन्दों ने छात्रा की बेरहमी से पिटाई की जिसके कारण उसके दोनों पैर और कमर की हडडी टूट गई। हैवानियत की सारी हदें पार करने के बाद बेखौफ दरिंदों ने पीड़िता को मरणासन्न हालत में रिक्शा से उसे घर भेज दिया। पीड़िता के परिजन ईलाज कराने के लिए उसे हॉस्पिटल ले जा रहे थे तभी दर्द से बुरी तरफ तड़प रही छात्रा ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
दलित छात्रा से गैंगरेप और बेहरमी से पिटाई कर उसकी हत्या करने की सनसनीखेज वारदात जनपद बलरामपुर में कोतवाली गैसड़ी के मझौली इलाके की है। यहाँ ग्रेजुएशन सेकण्ड ईयर की दलित छात्रा को रास्ते से अगुवा कर दरिंदो ने उसे अपनी हैवानियत का शिकार बना डाला। क्रूर मानसिकता के बदमाशों की हैवानियत सिर्फ गैंगरेप तक ही सीमित नहीं थी। बदमाशों ने गैंगरेप से पहले उसको नशीला इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया ताकि वह वह शोर न मचा सके। बाद में दलित छात्रा की बेरहमी से पिटाई कर दी जिसके कारण उसके दोनों पैर और कमर टूट गए । गंभीर हालत में पीड़िता को परिजन ईलाज ले लिए स्थानीय हॉस्पिटल ले गए लेकिन हालत गभीर देख डाक्टरों ने उसे लखनऊ ले जाने के लिए कहा। बाद में हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही पीड़िता की मौत हो गई। मृतका की माँ ने बताया कि उसके बेटी विमला बिक्रम कॉलेज में एडमिशन कराकर वापस लौट रही थी तभी रास्ते में बदमाशों ने उसे अगुवा कर लिया और एक कमरे में बंधक बनाकर गैंगरेप किया।
मृतका की माँ के बयान से हटकर पुलिस अधिकारी मामले में अपना ही राग अलाप रहे है। पुलिस अधीक्षक देव रंजन के मुताबिक पीड़िता निजी फर्म में काम करती थी। वह फर्म गई हुई थी और देर शाम तक वापस नहीं आई। देर होने पर परिजनों ने फोन पर उससे सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। इसी बीच देर रात रिक्शे से छात्रा घर आई। छात्रा की हालत नाज़ुक थी जिसके कारण परिजन ईलाज के लिए उसे हॉस्पिटल ले जा रहे थे तभी उसकी मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिजनों ने तहरीर में लिखा है कि दो लड़के ने उसकी बेटी का किसी डॉक्टर के पास ईलाज कराया और बलात्कार किया। जब हालत खराब हुई तो हॉस्पिटल न ले जाकर घर भेज दिया। नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और विधिक प्रक्रिया के तहत उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपराधों पर पर्दा डालने या फिर अपराध के तरीके को बदलने की यूपी पुलिस की रवायत काफी पुरानी है। हालांकि जब हाथरस में दलित किशोरी की गैंगरेप और बेरहमी से पिटाई कर उसकी हत्या के मामले में पूरे देश में उबाल है इसी बीच बाद बलरामपुर में भी इसी तरह की संगीन वारदात को अंजाम दिया जाता है। हाथरस की घटना से उपजे विरोध और बवाल के बीच बलरामपुर पुलिस ने नामजद दो बदमाशों को गिरफ्तार करने के दावा तो किया है लेकिन पुलिस अधिकारी ने मृतका की माँ के बयान से हटकर जो बयान दिया उससे साफ है कि बलरामपुर मामले में भी पुलिस पर्दा डालने की कोशिश में जुटी है। ये हाल तब है जब हाथरस की घटना के बाद पूरे देश में जनाक्रोश और उबाल है।
Posted By:- Gulam Navi