मौत के तांडव के बाद एक साथ 13 लोगो का हुआ “दाहसंस्कार”…

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कुशीनगर (जनमत ) :- यूपी के कुशीनगर जनपद की ऐसी रात आई जो 9 बजे घटी जो पूरे यूपी को हिला दिया घटना ऐसी जो खुशी के पल को मातम में तब्दील कर दिया, घटना कुशीनगर के नौरंगियां गांव के स्कूल टोला पर उस वक्त घटी जब महिलाएं हल्दी की रस्म को पूरा करने जुटी हुईं थीं।: गांव के पश्चिमी हिस्से में मौजूद कुआं पर माटीकोड़वा के कार्यक्रम में महिलाएं, बच्चियां खुशी में नाच रही थी. अचानक मंगलगीत की जगह चीख- पुकार मच गयी. गीत की जगह महिलाओं का करुण क्रंदन गांव में गूंजने लगा. सबब यह कि कुएं पर रखा गया स्लैब एकाएक भरभरा कर टूट गया और 35-40 महिलाएं, बच्चियां कुएं में गिर गयीं. ग्रामीणों व पुलिस की संयुक्त मशक्कत के बाद किसी तरह से सभी को बाहर निकाला गया। एंबुलेंस के अभाव में जैसे- तैसे घायलों को संयुक्त जिला चिकित्सालय रवीन्द्र नगर पहुंचाया गया. संयुक्त जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने 11 बच्चियों व दो महिलाओं को मृत घोषित कर दिया. एक महिला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. शेष अपने घरों को लौट आयीं हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि यदि सीएचसी नेबुआ- नौरंगिया के डॉक्टरों ने दवा की होती तो मरने वालों की संख्या काफी कम होती. दुर्घटना की खबर मिलने के बाद डीएम, एसपी के अलावा मंडलायुक्त गोरखपुर व अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर रेंज मौके पर पहुंच गये। सीएचसी नेबुआ- नौरंगिया के डॉक्टरों के रवैये के विरोध में युवकों ने करीब आधा घंटा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 28 बी को जाम भी रखा. आंदोलित ग्रामीण सीएचसी के डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे. इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये देने की घोषणा की है.

असमय काल के गाल में समायी 20 वर्षीय मीरा के पिता सुग्रीव विश्वकर्मा व ग्रामीण सुखारी प्रसाद बताते हैं कि कुशीनगर जनपद के नेबुआ- नौरंगिया थाना क्षेत्र के गांव नौरंगिया के स्कूल टोला निवासी परमेश्वर कुशवाहा के लड़के अमित की गुरुवार को शादी थी। बुधवार को हल्दी थी. हल्दी के महत्वपूर्ण रस्म माटीकोड़वा को पूरा करने के लिए महिलाएं, युवतियां गांव के पश्चिमी छोर पर स्थित कुआं पर गयीं हुईं थीं. पूरे गांव में जश्न सरीखा माहौल था. माटीकोड़वा का कार्यक्रम पूरा करने के महिलाएं व युवतियां खुशी से नाचने लगीं. नृत्य देखने के लिए महिलाओं, बच्चियों की भीड़ कुएं पर एकत्र हो गयीं. 35-40 महिलाएं, बच्चियां कुएं के स्लैब पर चढ़कर नृत्य दखने में लीन हो गयीं. लोड अधिक हो जाने से इसी बीच स्लैब भरभरा कर टूट गया. नतीजतन 35- 40 महिलाएं व बच्चियां कुएं में गिर गयीं. मंगल गीत की जगह- गांव में चीखें गूंजने लगीं.ठंड व कुएं में मौजूद ज्यादा पानी परवाह किये बगैर ग्रामीण बचाव कार्य में लग गये. इसी बीच नेबुआ- नौरंगिया थाना की पुलिस भी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी. सुखारी प्रसाद बताते हैंं कि शौचालय साफ करने वाली मशीन के जरिए कुएं का पानी कम किया गया. पुलिस और ग्रामीणों की मदद से करीब 12 बजे रात तक सभी को बाहर निकाल लिया गया. नेबुआ- नौरंगिया के ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि शेषनाथ यादव व ग्रामीण गोविंद यादव व सुखारी प्रसाद का सीधा- सीधा आरोप है कि सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस के मौके पर नहीं पहुंचा. एबुंलेंस नहीं पहुंचने पर ग्रामीण अपने वाहनों से घायलों को सीएचसी नेबुआ- नौरंगिया पर ले गये. परंतु इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद सीएचसी के डॉक्टर सोते रहे और घायलों का ईलाज करने की जरूरत नहीं समझे.

ग्रामीण और पुलिस किसी तरह से घायलों को संयुक्त जिला चिकित्सालय पर ईलाज हेतु पहुंचाया. परंतु संयुक्त जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने राधिका, सुन्दरी, वृंदा, मन्नू, आरती, पूजा यादव,शशिकला, पूजा चौरसिया, ज्योति, मीरा, ममता, शकुंतला व परी को मृत घोषित कर दिया. पूजा यादव सेना में भर्ती होने के लिए लखनऊ में रह कर तैयारी कर रही थी. मरने वालों में शामिल परी की उम्र महज दो वर्ष की थी.गुरुवार को दुर्घटना स्थल पर दोबारा पहुंचे डीएम कुशीनगर एस राज लिगंम् ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता प्रदेश सरकार की ओर से दी जाएगी. घायल जगरोशनी के पूरे ईलाज का खर्च सरकार देगी.दोपहर बाद जब नौरंगिया गांव के स्कूल टोला से एक साथ जब 13 शव दाहसंस्कार के उठे तो एकबार फिर महिलाओं के चित्कार से गांव गूंज उठा. महिलाओं के करुण क्रंदन को सुनकर सभी की आंखेंं नम हो गयीं. शवों को उठाने तक की हिम्मत ग्रामीण नहीं जुटा पा रहें थे. बड़ी गंडक के किनारे हुआ दाहसंस्कार परी समेत दो बच्चियों का शव तो दफना दिया गया. शेष का दाहसंस्कार बड़ी गंडक नदी के किनारे शाम तक समपन्न हो गया।

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..

REPORT- PRADEEP KUMAR..