लखनऊ(जनमत):- यूपी में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर में अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में एक परिवार के विकास को ही विकास का मानक मान लिया जाता था। इनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं था। वहां तो परिवारवाद और अपराध हावी रहा। पलायन, दंगे, अराजकता के अलावा बेटियां अपराधियों से डरकर स्कूल नहीं जा पाती थीं। प्रदेश की तस्वीर बदरंग हो गई थी। आजादी में जो राज्य अग्रणी था वह पिछड़कर बीमारू राज्य में शामिल हो गया। यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां पहले विकास के नाम पर बंदरबांट होता था। एक परिवार के विकास’ को ही ’प्रदेश का विकास’ मान लिया जाता था। मुजफ्फरनगर दंगे के मुख्य आरोपी को बेशर्मी के साथ मुख्यमंत्री आवास पर सम्मानित कर दंगाइयों के हौसले बढ़ाए जाते थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप Koo पर पोस्ट कर कहा कि पिछली सरकारें विकास के नाम पर बंदरबांट करतीं थीं। हमारी आस्था पर प्रहार होता था। सावन के महीनों में कहा जाता था कि कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी। बेटियों की सुरक्षा के मामले को अनसुना कर दिया जाता था। मुजफ्फरनगर के दंगाइयों को लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास में सम्मानित किया जाता था। सहारनपुर में सिखों की दुकानों में आग लगाकर उन्हें भी आग में झोंकने का काम किया जाता था। वर्ष 2017 से सरकार बदलते ही प्रदेश में दंगा नहीं बल्कि कांवड़ यात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली जा रही है। दीपावली, होली और सभी पर्व और त्योहार बिना डर के मनाए जा रहे हैं। पांच सौ वर्षों के इंतजार को खत्म करके मोदी सरकार ने अयोध्या में भव्य श्रीराममंदिर के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया है। पिछली सरकारों के समय अराजकता का तांडव इस कदर था कि उत्तर प्रदेश की तस्वीर ही बदरंग हो गई थी। सहारनपुर को दंगे की आग में झोंक दिया गया था, कभी बिजनौर तो कभी बरेली में दंगे होते थे।
प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास को गति दी गई है। वर्ष 2017 से पहले सहारनपुर से दिल्ली पहुंचने में सात से आठ घंटे लगते थे, अब हाईवे बनने के बाद केवल दो घंटे में ही दिल्ली पहुंचा जा सकता है। किसानों के गन्ने का मूल्य का भुगतान समयबद्ध तरीके से किया जा रहा है। हमारी पौने पांच वर्ष की सरकार में एक लाख 44 हजार करोड़ रुपये गन्ने का मूल्य किसानों के खाते में पहुंचाया जा चुका है। चीनी मिलों का विस्तारीकरण किया जा रहा है, एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टविटी, विश्वविद्यालय, सड़क, मेडिकल कॉलेज के साथ अन्य विकास के काम कराए जा रहे हैं।