अलीगढ़(जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में 23 दिसंबर को तहसील इगलास विधानसभा क्षेत्र में 150 बीघा जमीन का मैदान होगा और करीब 72 फुट लम्बा मंच तैयार होगा। जिस जमीनी मैदान और खुले आसमान के मंच पर यूपी के 2 दिग्गज लड़ाके एक ही मंच पर 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की 119वी जयंती के मौके पर उनकी कर्मभूमि पर जब मौजूद होंगे। तो यूपी सहित पश्चिमी यूपी की सियासत में उस दिन एक बड़ा भूचाल आएगा। क्योंकि देश की सियासत यूपी से निकलकर दिल्ली पहुंचती है।लेकिन यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अपने पिता चौधरी अजीत सिंह की मौत के बाद पहली बार राष्ट्रीय लोक दल की बागडोर संभाल रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने जयंत चौधरी के द्वारा संयुक्त रुप से मेरठ के बाद एक ओर बड़ी रैली अलीगढ़ में करने जा रहे है।
यूपी के दोनों दिग्गज नेताओं के द्वारा लाखों की भीड़ में मौजूद रहकर दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा चौधरी चरण सिंह जयंती किसान दिवस को उनकी कर्मभूमि पर परिवर्तन संदेश रैली के रूप में संबोधित किया जाएगा। दोनों नेताओं की रैली को ऐतिहासिक रैली के साथ प्रदेश स्तर की महारैली के रूप में कामयाब बनाने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पर जुटाने के लिए दिन रात एक कर जुटे हुए हैं। दोनों पार्टी के जिला अध्यक्ष का मानना है कि मेरठ की रैली में जो भीड़ इकट्ठा हुई थी। उससे कहीं ज्यादा अलीगढ़ की इस रैली में दोनों नेताओं के बीच भीड़ इकट्ठा हो गई। जो भीड़ मेरठ के रिकॉर्ड को अलीगढ़ में ध्वस्त करते हुए तोड़ेगी।यूपी 2022 चुनाव नजदीक आते ही रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। इसको लेकर अलग-अलग पार्टियों के नेता जनता की नब्ज टटोल रहे हैं।
तो वहीं एक-दूसरी पर्टियों की कमियां ओर उनकी खामियों को गिना रहे हैं। सपा और रालोद के गठबंधन के बाद अलीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पश्चिमी यूपी की जनता के मन को परखने में लगे हुए हैं। ऐसा यूपी चुनावों की तारीखों से पहले हो रहा है।जब दोनों दिग्गज नेता एक साथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 119वी जयंती किसान दिवस के मौके पर 23 दिसंबर को उनकी कर्मभमि तहसील इगलास क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की परिवर्तन संदेश रैली में पूरे दमखम के साथ शिरकत करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। सपा रालोद की इस परिवर्तन संदेश रैली को कामयाब करने के लिए कार्यकर्ता जी जान से जुटे हुए हैं।
दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के द्वारा संदेश रैली में लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पर जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संदेश रैली को समाजवादी पार्टी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित अपने पिता चौधरी अजीत सिंह की मौत के बाद पहली बार राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने जयंत चौधरी के द्वारा 150 बीघा जमीन का मैदान ओर करीब 72 फुट लंबे मंच से परिवर्तन संदेश रैली को क्षेत्रीय जनता के बीच संबोधित किया जाएगा।जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गिरीश यादव सहित राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष चौधरी कालीचरण ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की 119वी जयंती के मौके पर तहसील इगलास क्षेत्र में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के द्वारा परिवर्तन रैली को एक मंच से संबोधित किया जाएगा।
दोनों पार्टी के जिला अध्यक्षों का कहना है कि इस परिवर्तन संदेश रैली में लाखों की भीड़ इकट्ठा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। कार्यक्रम स्थल पर लाखों की भीड़ पहुंचने के बाद दोनों दिग्गज नेताओं की रैली प्रदेश स्तर पर ऐतिहासिक होने के साथ ही इस रैली को एक महारैली का रूप दिया जाएगा। इस ऐतिहासिक रैली के साथ ही किसान दिवस को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गिरीश यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान दिवस के रूप में 23 दिसंबर अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व है। जहां पूरे देश के किसानों के द्वारा चौधरी चरण सिंह को अपना नेता माना गया था। जबकि 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह के 119 वी जयंती है। बताया कि जयंत चौधरी के द्वारा अपने दादा चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाने के लिए अलीगढ़ जिले की तहसील इगलास क्षेत्र की इगलास विधानसभा को चुना गया है।
जबकि दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा चुनाव से पहले गठबंधन हो चुका है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी संयुक्त रुप से परिवर्तन संदेश रैली को संबोधित करने के लिए एक साथ पहुंचेंगे। इस रैली को ऐतिहासिक रैली के साथ प्रदेश स्तर पर महारैली बनाने के लिए 150 बीघा जमीन के मैदान पर कार्यक्रम स्थल बनाया जा रहा है। तो वही लाखों की तादाद में भीड़ पहुंचेगी जिस भीड़ में नौजवान युवक बेरोजगार युवक किसान सहित दोनों पार्टी के कार्यकर्ता अपने दोनों नेताओं को सुनने के लिए कार्यक्रम स्थल पर जुटेंगे। अलीगढ़ में होने वाली ऐतिहासिक रैली मेरठ में इकट्ठा हुई भीड़ के रिकॉर्ड को अलीगढ़ की भीड़ तोड़ेगी।
Posted By:- Amitabh Chaubey
Reported By:- Ajay Kumar