संतों का आरोप, मंदिरों की खरीद नहीं हो सकती है मंदिर भगवान की संपत्ति होती है…..

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अयोध्या (जनमत):- रामनगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। राम जन्मभूमि की नींव में 7 लेयर भी बनकर तैयार हो गई हैं। राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट भी बना है। यह ट्रस्ट राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट है। जो इन दिनों जमीन खरीद मामले में सवालों के घेरे में है। वही आरोप है कि ट्रस्ट राम मंदिर परिसर के विस्तार के लिए अगल-बगल के मंदिरों और घरों को खरीदने का काम तेजी से कर रहा है। ट्रस्ट जो जमीन खरीद रहा है वह महंगी दामों में खरीद रहा है| साथ ही जो मंदिरों को खरीद रहा है वह भी कानूनी रूप से गलत खरीद रहा है| इसको लेकर अयोध्या के कुछ संतों का आरोप है कि मंदिरों की खरीद नहीं हो सकती है| मंदिर भगवान की संपत्ति होती है जो बेची नहीं जा सकती है|

साथ ही वहां विराजमान भगवान के विग्रह को हटा रहे है| आपको बताते है कि इन आरोपो में क्या वास्तविकता है। दरसअल अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर तो 70 एकड़ भूमि का है लेकिन अभी निर्माण कार्य 5 एकड़ भूमि में ही चल रहा है| जिसमें भगवान राम का मंदिर 2.77 एकड़ में ही बनाया जा रहा है| ट्रस्ट राम मंदिर के 5 एकड़ भूमि पर परकोटे का निर्माण कर रहा है| जिसमे वास्तु दोष को समाप्त करने के लिए ईशान कोण में कुछ मंदिर व मकान आ रहे है।

जिसमें ट्रस्ट ने दो मंदिर शियपिया केल कुंज फकीरे राम मंदिर व कौशल्या भवन मंदिर को आपसी सहमति के आधार पर विनिमय पत्र ट्रांसफरनामा के तहत जमीन को प्राप्त किया है| मंदिर व जमीन का बैनामा नहीं करवाया गया है| जिसके तहत भगवान के मंदिर को ट्रस्ट द्वारा दूसरी जगह जमीन खरीदकर मंदिर निर्माण के लिए उचित धन देकर पुराने मंदिर में विराजमान भगवान को दूसरे नए मंदिर में विराजित किया जाएगा|

                                                               (महंत यशोदानंदन त्रिपाठी,कौशल्या भवन मंदिर)

शियपिया केल कुंज फकीरे राम मंदिर के महंत रघुवर शरण दास ने बताया कि खरीदना वह होता है जिसमें रुपये लेकर सभी चीजों को सामने वाले को सौप देना है| लेकिन, यहां ऐसा नहीं है इसमें भगवान हमारे साथ रहेंगे| ट्रस्ट हमको मंदिर के लिए जमीन दे रहा, मंदिर बनाने के लिए धन दे रहा तो इसमें खरीदने की कोई बात नहीं है। मंदिर स्थानांतरित हो रहा है मंदिर बिक नहीं रहा है। वही कौशल्या भवन मंदिर के महंत यशोदानंदन त्रिपाठी ने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर को पाने के लिए कोई जबरदस्ती नहीं की थी। राम मंदिर परकोटे में यह मंदिर आ रहा है। इसलिए यह मंदिर राम मंदिर के काम आ रहा है। उन्होंने जमीन के बदले जमीन और मंदिर निर्माण के लिए धन दिया है। मंदिर को बेचा नहीं गया है। ट्रस्ट ने 4 करोड़ रुपए आरटीजीएस के तहत भुगतान किया है। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है।

Posted By:- Amitabh Chaubey                  Reported By:- Azam Khan