मैनपुरी (जनमत):- केंद्र और योगी सरकार ने ऐलान किया था की करोना काल के संकट के दौरान निजी फैक्ट्रियों और सरकारी नौकरियों में कार्यरत कर्मचारी अगर अपने कार्यालय नहीं पहुच पा रहें हैं तो इस अवस्था में उन्हें सेवा से न निकाला जाए और मासिक वेतन बराबर प्रदान किया जाए, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही है, दरअसल मैनपुरी जिले में बिना सूचना दिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की सेवा लॉकडाउन में ही समाप्त कर दी गयी. इसी के चलते आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों में ख़ासा रोष व्याप्त है और जिसके चलते आंगनवाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं ने उत्तर प्रदेश वेलफेयर एसोसिएशन मैनपुरी के बैनर तले सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर धरना प्रदर्शन किया.
इस दौरान अपनी मांगों को लेकर जिलाअधिकारी के कार्यालय में उप जिला अधिकारी रजनीकांत को देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा और बताया कि इस करोनाकाल के दौरान भी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने कोरोनायोद्धा के रूप में बराबर काम किया और घर घर जाकर सरकार के कार्यक्रमों और कार्यो की जानकारी लोगो को दी साथ ही कोरोना से बचाओ के लिए लोगो को समय समय पर जागरूक भी किया, लेकिन सरकार की दोहरी नीतियों के चलते बिना सूचना के इनकी सेवा समाप्त कर दी गयी और अब आंगनवाड़ी कार्यकत्रिया और सहियाकाए कटोरा लेकर भीख मांगने को मजबूर हो गयीं हैं, इसलिए ज्ञापन सौपकर मांग कि गयी कि नौकरी से निकाली गयी कार्यकत्रिया और सहियाकाए को सेवा में वापस लिया जाये और रिटायरमेंट की प्रक्रिया को समाप्त करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को दस हजार रुपयें पेंशन , भत्ता, पचास लाख का बीमा प्रदान किये जाने की मांग की गयी.
Posted By:- Ankush Pal,Janmat News.
Reported By- Gaurav Pandey, Mainpuri, UP.