एटा(जनमत):- कहाबत है कि बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया”जी हां मामला जनपद एटा के अलीगंज थाना क्षेत्र के गढ़िया भरापूरा गाँव का है ।जहां ये कहाबत इस घटना पर बिल्कुल सटीक बैठती नजर आ रही है।मिली जानकारी के अनुसार गढ़िया गाँव की ही रहने बाले शांतिस्वरूप नाम के 83 बर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई।बुजुर्ग कैंसर की बीमारी से लंबे समय से पीडित थे।जिनका इलाज भी काफी समय से चल रहा था।गांव में विधिविधान के साथ बुजुर्ग के अंतिम संस्कार की तैयारियां पूर्ण की गईं।मोक्ष धाम में शव को मृत्यु शैया पर रख दिया गया।बुजुर्ग के शव का अंतिम संस्कार किया जाना बकाया था।लेकिन
कहानी में मोड़ तब आ गया जब बुजुर्ग शांतिस्वरूप के एक बेटे ने अपने ही भाई पर पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए कोतवाली अलीगंज में लिखित तहरीर दी दी।बड़े बेटे अजय पाल की शिकायत पर अलीगंज पुलिस गाँव पहुंची और हत्या जैसी संगीन वारदात को गंम्भीरता से लेते हुए जांच करने मौके पर पहुंची।उधर पिता का शव मुखाग्नि का इंतजार कर रहा था वहीं बड़ा बेटा पिता के पार्थिव शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की जिद पर अड़ा था।पुलिस ने भी मामले की गंभीरता समझते हुए बुजुर्ग पिता के शव को कब्जे में लिया और जिला मुख्यालय पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
बड़े बेटे अजय पाल का आरोप
बुजुर्ग के बड़े बेटे अजयपाल ने अलीगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसके पिता की गलत इंजेक्शन लगाकर और गला घोंटकर हत्या की गई है। लिखित सूचना मिलते ही अलीगंज थाना पुलिस भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची जहां ग्रामीणों और मौजूद परिजनों ने बुजुर्ग की मौत का कारण कैंसर बीमारी से होना बताया। पुलिस ने बगैर देर किए मृतक शांति स्वरूप के शव को श्मशान घाट मैं ही अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। बुजुर्ग के छोटे बेटे ने इलाज के कागजात भी दिखाए।
क्या बोली लालची बेटे की बुजुर्ग मां
मृतक बुजुर्ग शांति स्वरूप की पत्नी रामबेटी ने बताया कि उनके पति कैंसर बीमारी से ग्रसित थे लंबे समय से इलाज चल रहा था छोटे बेटे वीरेंद्र के पास रह रहे थी उनकी सेवा भी छोटा बेटा और उसके बच्चे करते थे।बड़ा बेटा अजय पाल और उसके बच्चे काफी दिनों से अलग राह रहे हैं।ये सब जो हो रहा है संपत्ति के खातिर हो रहा है।वहीं बड़े बेटे पर इलाज और सेवा न करने का भी मां और बहन ने आरोप लगाया।
बुजुर्ग शांति स्वरूप की मौत के बाद परिजनों में करुण क्रंदन शुरू हो गया मैं एक गांव के लोग धीरे-धीरे एकत्रित होने लगे बताया गया रिश्तेदार भी मौके पर गर्मी को देखते हुए दाह संस्कार की तैयारियों में जुट गए थे घर और परिवार की महिलाएं रोने धोने में लगी थी। लेकिन इसी बीच बड़ा बेटा अजय पाल अपने लालच के चलते षणयंत्र रचने में जुटा था।
जिसकी वजह बताई जा रही है कि बुजुर्ग शांति स्वरूप ने छ बीघा जमीन अपने नातियों के नाम कर दी थी। छोटे बेटे वीरेंद्र के पुत्र बाप ने नाती सुखबीर और शिवकुमार के नाम बीमारी के चलते पहले ही कर दी थी। तभी से अजय पाल अपने पिता और भाई वीरेंद्र से दुश्मनी मानने लगा था इसी संपत्ति के लिए दोनों भाइयों के बीच न्यायालय में मुकदमा चल रहा था लगातार तारीख के पड़ रही थीं।
मृत बुजुर्ग की पत्नी और ग्राम प्रधान व परिजनों का भी कहना है कि बुजुर्ग की बीमारी के चलते मृत्यु हुई है।बेटे अजय पाल के आरोप सभी गलत हैं।वहीं बुजुर्ग के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है।