लखनऊ (जनमत) :- उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब सदन में उसकी ही पार्टी के विधायक के समर्थन में समूचा विपक्ष लामबंद हो गया। दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सदन में चर्चा कर केन्द्र को प्रस्ताव भेजे जाने पर अड़े विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया कि इस बीच गाजियाबाद में लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी जगह खड़े हो गये और कुछ कहने की अनुमति मांगने लगे। विधान सभा अध्यक्ष ने इससे इंकार करते हुये उनसे बैठ जाने को कहा लेकिन विधायक उनकी बात को अनसुना करते हुये अपनी बात पर अड़ गएँ. इस दौरान सदन में वापस लौटे विपक्षी सदस्यों की नजर गुर्जर पर पड़ी और वे उनके समर्थन में लामबंद हो गये।
विपक्षी विधायकों के मुताबिक अगर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य को ही बोलने की अनुमति नही मिलेगी तो विपक्ष की क्या सुनी जायेगी। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को पिछली एक दिसम्बर को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था और सात दिन के भीतर जवाब मांगा था। गुर्जर का कहना था कि भाजपा में उनके खिलाफ साजिश हो रही हैं। जिसके बाद विधान सभा अध्यक्ष के द्वरा डीएम और एसपी को सदन में बुलाकर कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने के बाद विधायको का गुस्सा शांत हुआ.
Posted By :- Ankush Pal