अलीगढ़ (जनमत):- अलीगढ़ जिले के थाना टप्पल क्षेत्र के एक गांव में दबंगों ने दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले वाल्मीकि ग्राम प्रधान को उसकी मृतक पत्नी का गांव के इकलौते श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। दबंगों का दलित प्रधान से कहना था कि वह अपनी जमीन पर अंतिम संस्कार करे या फिर गांव के किसी रास्ते पर ले जाकर अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करें। लेकिन इस श्मशान घाट में उसकी दलित पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। बाद में पुलिस और जिला प्रशासन की मौजूदगी में दलित प्रधान की पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया।
उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना टप्पल इलाके के राऊगढी सालपूर गांव के मौजूदा दलित ग्राम प्रधान की पत्नी की मौत के बाद स्वर्ण समाज के दबंग लोगों द्वारा श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने से रोके जाने का मामला सामने आया है। मौजूदा दलित ग्राम प्रधान की मृतक पत्नी का गांव के इकलौते श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने से रोके जाने की सूचना उसके द्वारा फोन कर जिला प्रशासन को दी। दलित प्रधान की पत्नी का अंतिम संस्कार शमशान घाट में रोके जाने की सूचना से जिला प्रशासन और पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया ओर सूचना मिलते ही आनन फानन में जिला प्रशासन सहित टप्पल थानाअध्यक्ष पुलिस फोर्स के साथ शमशान घाट पहुंच गए। मौके पर पहुंची पुलिस और राजस्व टीम के द्वारा दलित प्रधान की पत्नी का पुलिस के साए में अंतिम संस्कार किया गया। तो वही दलित प्रधान ने पत्नी के अंतिम संस्कार के बाद दबंग से अपनी जान को खतरा बताया है।
जानकारी के अनुसार दलित प्रधान कालीचरण की पत्नी की हार्ट अटैक से मौत के बाद उसकी अर्थी को परिजन अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर जाने लगे। तभी दबंगों ने अर्थी को शमशान घाट ले जा रहे लोगों का रास्ता रोक लिया ओर दबंग व्यक्तियों द्वारा सरकारी अभिलेखों में दर्ज श्मशान घाट में अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात कहते हुए मृतक महिला के परिजनों को खेतों या किसी रास्ते पर ले जाकर अंतिम संस्कार करने की बात कही। जिसके चलते विवाद की स्थिति उत्पन्न होने लगी। दलित प्रधान की मृतक पत्नी का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार रोके जाने के चलते दलित समाज में आक्रोश पनप गया और दोनों तरफ से विवाद बढ़ता चला गया। मृतक पत्नी का शमशान घाट में अंतिम संस्कार करने से रोके जाने के चलते गांव में फैले तनाव को देखते हुए पीड़ित दलित ग्राम प्रधान द्वारा इसकी सूचना जिला प्रशासन और क्षेत्राधिकारी को दी।इसकी जानकारी होने पर जिला प्रशासन और टप्पल थाना प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गए और दोनों पक्षों को समझने की कोशिश की। बावजूद इसके दबंग लोग दलित प्रधान को उसकी मृतक पत्नी का सरकारी अभिलेखों में दर्ज शमशान घाट की जमीन पर भी अंतिम संस्कार करने से रोक रहे थे। जिसके चलते मौके पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई घंटे तक मौत के बाद दलित महिला की अर्थी रखी रही। लेकिन दबंगों का दिल नहीं पसीजा। ऐसे में उसकी पत्नी का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाना दबंग लोगों को बहुत बुरा लग रहा है। प्रधान ने कहा कि पत्नी का अंतिम संस्कार होने के बाद दबंग लोग किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। जिसके चलते उन्होंने दबंग से अपनी जान को खतरा बताया है।