प्रयागराज (जनमत):- रौशनी के त्यौहार दीपावली के आगमन से पहले ही चाईना की किस्म – किस्म की लाइटें और झालरें देश – प्रदेश समेत हर जगह की बाजारों में कब्जा कर लेती थी। चीनी लाइटों का बाजारों में कब्ज़ा करने की एक सबसे बड़ी वजह यह भी होती थी कि कम दामों के हर वर्ग तक के व्यक्तियों को आसानी से मिल जाती थी। हालांकि इस बार दीपावली में बाजारों का नज़ारा काफी बदला हुआ है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि जब से कोरोना वायरस मामले में चीन का चेहरा बेनकाब हुआ है तब से ही चाईना के प्रति भारत ही नहीं दुनिया के कई मुल्कों ने अपने – अपने तरीके से चीन का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। चीन का दुनिया के कई देशों की बाजारों में कब्जा था और जो चीन के विरोध में थे उन देशों ने कोरोना वायरस के जनक देश चीन को सबक सिखाने के लिए उसका आर्थिक रूप से बहिष्कार कर दिया।
भारत की बाजारों में भी चीन का सिक्का चलता था यही वजह भी है कि चीन को सबक सिखाने के लिए भारत में भी चीन निर्मित सामानों का बहिस्कार शुरू हो गया। दीपावली में चीनी लाइटों के खपत के मामले में भारत सबसे आगे था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार चीन को सबक सिखाने के लिए भारत में चीन निर्मित लाइटों का बहिष्कार लोग अपने – अपने स्तर से कर रहे है। ऐसे में कुम्भ नगरी प्रयागराज की बात की जाये तो इस बार दीपावली में ख़ास किस्म के दियें न सिर्फ प्रयागराज बल्कि देश – प्रदेश के साथ विदेशो में भी अपना जलवा दिखाएंगे। प्रयागराज के इन ख़ास किस्म के दियों की बात यह है कि इसको बनाने के लिए गाय के गोबर और गंगाजी की शुद्ध मिटटी के साथ ही संगम के जल का इस्तेमाल किया गया है। इन दियों की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि इससे पर्यावरण को तनिक भी नुकसान नहीं होगा बल्कि पर्यावरण के लिए यह फायदेमंद ही होगा। दियों का निर्माण प्रयागराज में वात्सल्य केयर सेंटर द्वारा किया जा रहा है। सेंटर की संयोजक डॉक्टर कृतिका अग्रवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को मूर्त देने का प्रयास किया जा रहा है। इनसे पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।
कृतिका अग्रवाल का कहना है कि दियों को स्वं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जा रहा है। इससे उन महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मदद मिलेगी और इस पहल से लोकल फॉर वोकल के सपने को साकार करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गाय के गोबर, गंगाजी की मिटटी और संगम के जल से बनने वाले इन ख़ास किस्म के दियों को लोगों का तक आसानी से पहुंचाने की भी व्यावस्था वात्सल्य केयर सेंटर के द्वारा की गई है। पहले तो सेंटर के बाहर ही स्टॉल लगाकर इसको सेल ऑउट किया जायेगा। नगर निगम के वेन्डर के माध्यम से दुकान लगाकर भी प्रयागराज में इन दियों को बेचा जायेगा। सबसे बड़ी और अहम बात यह है कि इन दियों की खुशबू विदेश में बसे भारतीयों तक पहुंच चुकी है। विदेशों में रहने वाले भारतवंशियों ने भी दीपावली में अपने घर को रौशन करने के लिए वात्सल्य केयर सेंटर को आर्डर भेजे है। डॉक्टर कृतिका अग्रवाल ने बताया कि अमेरिका और इंग्लैण्ड में रहने वाले भारतवंशियों के आर्डर पर दियों को भेजा जा चुका है। इन देशों में बसे भारतीय लोगों की बढ़ती डिमाण्ड के चलते बाकि के ऑर्डर को भी जल्द भेजा जायेगा। इसके अलावा भी लोगों तक इन दियों को पहुंचाने के लिए अन्य तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।
Amitabh Chaubey (Correspondent Janmat News)