लखनऊ (जनमत) :- उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी का असर कम हुआ है। सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। पॉजिटिविटी दर मात्र 0.3% रह गई है, जबकि रिकवरी दर बेहतर होकर 98% हो गया है। विगत 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 642 नए केस आए हैं। इसी अवधि में 1,231 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं। विगत दिवस किसी भी जिले में 38 से अधिक नए केस नहीं पाए गए। संक्रमण में कमी की दिशा में यह अच्छा संकेत है। अब तक कुल 16 लाख 67 हजार प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश में कुल 12,244 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है।ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। बीते 24 घंटों में 03 लाख 05 हजार 731 टेस्ट हुए। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक यहां 05 करोड़ 25 लाख 03 हजार 838 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है। एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति लागू रखी जाए। दैनिक टेस्ट की संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है।
वहीँ बरसात का मौसम शुरू हो गया है। यह समय इंसेफेलाइटिस और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार का है। बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी इंतज़ाम किए जाएं। 15 जून से बच्चों के लिए उपयोगी दवाइयों का किट घर-घर भेजे जाने का विशेष अभियान शुरू हो रहा है। इस संबंध में सभी जरूरी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। सर्विलांस को और बेहतर करने की जरूरत है।कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में अच्छी है। अब तक उत्तर प्रदेश में 02 करोड़ 15 लाख 88 हजार 323 टीके लगाए जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में 3,91,441 लोगों का टीकाकरण किया गया। अभी हम लगभग 04 लाख डोज हर दिन लगा रहे हैं, इसे अगले दो-तीन दिनों के भीतर 05 से 06 लाख तक बढ़ाया जाए। अगले माह तक इसे 10-12 लाख प्रतिदिन की क्षमता तक विस्तार देने के लक्ष्य है। इसके लिए वैक्सीनेटर बढ़ाने की कार्यवाही की जाए। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आगामी 21 जून से सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह प्रयास टीकाकरण को और गति देने वाला है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करने की कार्यवाही की जाए।
इसी के साथ ही मेडिकल कॉर्पोरेशन द्वारा दवाओं की खरीद करते उनकी गुणवत्ता, पैकिंग, आपूर्ति की सुविधा आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। दवाओं को कम्पनी दर पर खरीद हो। व्यवस्था को और पारदर्शी बनाये जाने की जरूरत है। सभी जिलों में डायलिसिस यूनिट को बढ़ाए जाने की कार्यवाही की जाए। डायलिसिस कराने वाले मरीजों को रक्त की जरूरत भी होती है। ऐसे में ब्लड बैंक की स्थापना के प्रयास किए जाने चाहिए। पीपीपी मॉडल पर संचालित डायलिसिस इकाइयों की क्षमता बढ़ोतरी की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएं।ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर संचालन के लिए सभी जिलों में तकनीशियनों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए। आईटीआई से प्रशिक्षित योग्य युवाओं को आवश्यकतानुसार इन मशीनों के संचालन के संबंध में दक्षता दिलाई जाए।
इन्हें सीधे सीएमओ से जोड़ा जाए। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां पूरी तेजी से चल रही हैं। कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी औद्योगिक इकाइयां संचालित होती रही। अब कोरोना कर्फ्यू में छूट के बाद इनमें और तेजी देखी जा रही है। बीते 24 घंटों 109 मीट्रिक टन ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध कराया गया। इन इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों-कामगारों से सतत संवाद बनाये रखा जाए।कोरोना कर्फ्यू में छूट के बाद पुलिस को एक्टिव रहना होगा। सायंकालीन कर्फ्यू एवं साप्ताहिक बन्दी अभी लागू है। इसके अतिरिक्त बाजारों में अधिक भीड़-भाड़ न हो तथा कोरोना प्रोटोकाल का पालन हो तथा पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
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