बलरामपुर(जनमत ) :- जिला बलरामपुर उतरौला कोतवाली क्षेत्र के अक्सी बड़हरा कोट गांव में मंदिर परिसर के विस्तार व ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद में किसान की फावड़े से काटकर हत्या कर दी गई। मृतक की बहू की तहरीर पर पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
अक्सी बड़हरा कोट गांव की रहने वाली रामा देवी ने उतरौला कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनके ससुर हीरालाल (55) ने घर के सामने खाली पड़ी बंजर जमीन पर शिवलिंग स्थापित कर उसके बगल में छोटा सा मंदिर बनाया था। हीरालाल उसी मंदिर में पूजा करने के बाद खेत चले जाते थे। इस बंजर जमीन पर विपक्षी रामवृक्ष की नजर थी। वह इस जमीन पर कब्जा करना चाहता है। रामा देवी का आरोप है कि ग्राम प्रधान के उकसाने पर रामवृक्ष इसी जमीन पर लगे पेड़ काटने के लिए बीते रविवार को आया था। हीरालाल के विरोध करने पर रामवृक्ष धमकी देकर चला गया था।
सोमवार सुबह पांच बजे हीरालाल घर से निकले और मंदिर में पूजा करने के बाद होटल पर चाय पीने जा रहे थे। तभी रास्ते में घात लगाकर बैठे रामवृक्ष ने उनकी गर्दन पर फावड़े से हमला कर दिया। इससे हीरालाल मौके पर ही गिर पड़े। खून से लथपथ हीरालाल को सीएचसी उतरौला पहुंचाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हीरालाल की मौत से पत्नी धनराजी बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
एसडीएम संतोष कुमार ओझा, सीओ उतरौला उदयराज सिंह और कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बड़हराकोट जाकर विवादित जमीन का जायजा लेने के साथ ही पूरे मामले की जानकारी ली। सीओ ने परिजनों को आरोपी की जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिया। पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
एएसपी नम्रिता श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक की बहू रामा देवी की तहरीर पर आरोपी रामवृक्ष के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। आरोपी रामवृक्ष को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर आला कत्ल फावड़ा बरामद कर लिया गया है। कोर्ट में पेश करके आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
हीरालाल ने उतरौला तहसील में करीब पांच महीने पूर्व प्रार्थनापत्र देकर घर के सामने तथा मंदिर के निकट स्थित ग्राम समाज की जमीन को धारा 67 क के तहत मंदिर की जमीन घोषित करने की मांग की थी। मगर तहसील प्रशासन ने इस प्रार्थनापत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। विपक्षी रामवृक्ष के पिता की जमीन भी ग्राम समाज की इसी जमीन के बगल में है। रामवृक्ष एक साल से ग्राम समाज की इस जमीन पर कब्जा करना चाहता था। यदि प्रशासन ने ये जमीन मंदिर के नाम आवंटित कर दी होती तो शायद आज हीरालाल को जान से हाथ नहीं धोना पड़ता।
Reported By- Gulam Navi
Published By- Vishal Mishra