फर्रुखाबाद (जनमत):- परिषदीय विद्यालयों में चूल्हे पर भोजन बनाए जाने पर शासन ने रोक लगा रखी है| इसके बावजूद शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के तमाम स्कूलों में आज भी मिट्टी के चूल्हे पर ही मिडडे मील बन रहा है| परिषदीय स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ते हैं| वे कांवेंट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की तरह टिफिन नहीं ला सकते हैं| इसको ध्यान में रखते हुए शासन ने दोपहर का भोजन (मिड डे मील) देना शुरू किया था| इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या में भी काफी सुधार आया, जिससे शासन लगातार ये योजना को संचालित कर रहा है|
पहले स्कूलों में मिड डे मील चूल्हों पर बनता था, जिससे बच्चे धुएं में बैठ कर पढ़ने को मजबूर होते थे| इसको देखते हुए शासन ने सभी स्कूलों में गैस सिलिंडर और चूल्हा खरीदने के आदेश दिए, जिसके बाद में अधिकांश स्कूलों ने गैस सिलिंडर और चूल्हा खरीद लिया, लेकिन गैस सिलिंडर से मिड डे मील बनाने की योजना में अध्यापकों ने सेंधमारी कर दी| आज भी कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां पर सिलिंडर अभी भरवाया नहीं जा रहा है, जिस कारण आज भी स्कूलों में मिट्टी के चूल्हों पर खाना बनाया जा रहा है|
करीब एक माह पहले मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के साथ ही सभी बीईओ को पत्र भेजकर निर्देश दिए थे कि अगर किसी भी स्कूल में चूल्हे पर मिडडे मील बनता मिला तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ ही बीएसए व बीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी| इसके बावजूद भी स्कूलों में चूल्हे पर मिड-डे-मिल बनाया जा रहा है| सीडीओ डॉ0 राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि एक स्कूल में चूल्हे पर खाना बनाने की शिकायत मिली थी,जिस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है| जो विद्यालय 5 स्टार हो रहे है| वह भी खराब होते जा रहे हैं.अब अगर ऐसी शिकायत आती है तो कठोर कार्रवाई होगी|
Posted By:- Varun Dubey