लखनऊ (जनमत):- गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा से पूर्व विधायक रहे विनय शंकर तिवारी की मुश्किलें दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रही है| ईडी ७५४.24 करोड़ रूपये के बैंक फ्रॉड के मामले में जाँच को तेजी से आगे बढ़ा रहा है| ईडी ने मामले में आरोपितो की बेनामी संपत्तियों की छानबीन भी तेज की है |
ई डी ने इसी कड़ी में शुक्रवार को पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी से फिर पूछताछ की | पूर्व विधायक से खासकर कुछ ऐसी संपत्तियो के बारे में पूछताछ की गयी जिन्हें बैंको से मिली रकम को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर ख़रीदा गया था| पूर्व विधायक ने इनसे कुछ सम्पतियो को बेच दिया था | संदेह है की उन सम्पतियो पर मालिकाना अधिकार अब भी पूर्व विधायक का ही है | ईडी ने इससे पहले एक मार्च को पूर्व विधायक से लम्बी पूछताछ की थी |
शुक्रवार को पूर्व विधायक की पत्नी रीता तिवारी को भी बुलाया गया था पर वह नही आई| पूर्व विधायक की कंस्ट्रक्सन कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम वर्ष २०१२ से २०१६ के बीच सात बांको के कंसोर्टियम से ११२९.४४ करोड़ रूपये की क्रेडिट लिमिट ली गयी थी | आरोप था की बड़ी रकम को दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया था| जिसमे बैंको को ७५४.24 करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ था | इस मामले में पहले दिल्ली सीबीआई ने केस दर्ज किया था | जिसे आधार बनाकर ईडी ने जनवरी २०२१ में विनय शंकर तिवारी व् अन्य के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लौंड्रीग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जाँच शुरू की थी | ईडी ने पिचले माह पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी व् उनके करीबियों के ठिकानो पर छापेमारी भी की थी |
PUBLISHED BY-GAURAV UPADHYAY